इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में न्यूजीलैंड के ओपनर बल्लेबाज डेवोन कोनवे ने दोहरा शतक लगाकर हमेशा के लिए इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया। साउथ अफ्रीका में जन्में डेवोन कोनवे का यह डेब्यू टेस्ट मैच था और क्रिकेट के मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स के मैदान पर दोहरा शतक जमाने वाले वह दुनिया के पहले खिलाड़ी बने।
कोनवे से पहले लॉर्ड्स के मैदान पर डेब्यू टेस्ट में सबसे बड़ी पारी खेलने का रिकॉर्ड भारत के पूर्व कप्तान और बीसीसीआई के मौजूदा अध्यक्ष सौरव गांगुली के नाम था। गांगुली ने साल 1996 में भारत के लिए टेस्ट डेब्यू करते हुए लॉर्ड्स के मैदान पर 131 रनों की पारी खेली थी।
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गांगुली के इस रिकॉर्ड को तोड़ने के साथ ही कोनवे का उनसे एक खास कनेक्शन भी सामने आया है। 29 साल के इस खिलाड़ी का जन्म 8 जून 1991 में हुआ था। वहीं गांगुली का जन्म भी 8 जून 1972 को कोलकाता में हुआ था।
जून महीने में एक ही तारीख को जन्में इन दोनों खिलाड़ियों का टेस्ट डेब्यू भी इंग्लैंड के खिलाफ ही हुआ और दोनों ने अपने पहले टेस्ट मैच में शतकीय पारी खेलकर अपने करियर का शानदार आगज किया।
आपको बता दें कि गांगुली और कोनवे दुनिया के उन गिने चुने बल्लेबाजों में से एक हैं जिन्होंने लॉर्ड्स के मैदान पर अपने पहले ही टेस्ट मैच में शतकीय पारी खेलने का कारनामा किया है।
टेस्ट क्रिकेट में कोनवे से पहले महज 6 ऐसे बल्लेबाज हुए हैं जिन्होंने डेब्यू करते हुए दोहरा शतक जमाया है। इस लिस्ट में सबसे पहला नाम आर ई फोस्टर का है, जिन्होंने 1903 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 287 रन बनाए थे, लेकिन उनका टेस्ट करियर आठ टेस्ट और 602 रनों तक चला था।
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वहीं साउथ अफ्रीका के जैक रूडोल्ड नाबाद 222 रन के साथ दूसरे पायदान पर हैं, जिनका करियर 48 टेस्ट मैचों में 2622 रनों तक चला। इसके अलावा वेस्टइंडीज के लॉरेंस रोव और न्यूजीलैंड के मैथ्यू सिनक्लेयर ने डेब्यू करते हुए 214-214 रनों की पारी खेली थी।
हाल ही में वेस्टइंडीज कायले मेयर्स ने नाबाद 210 रनों की जोरदार पारी खेली थी लेकिन अभी उनका करियर महज चार टेस्ट मैचों तक पहुंचा है। डेब्यू करते हुए टेस्ट क्रिकेट में दोहरा शतक लगाने का करिश्मा कोनवे से ठीक पहले मेयर्स ने ही किया था।
इस सूची में नाबाद 201 रनों के साथ शामिल श्रीलंकाई बल्लेबाज ब्रैंडन कुरूप्पु महज चार ही टेस्ट खेल पाए और इसमें उन्होंने कुल मिलाकर 320 रन बनाए।