इंटरनेशशनल क्रिकेट को सचिन तेंदुलकर के रूप में सबसे बड़ा सितारा देने वाले क्रिकेट कोच रमाकांत आचरेकर का 87 साल की उम्र में मुंबई में निधन हो गया। काफी समय से रमाकांत आचरेकर अस्वस्थ थे। उन्हें उम्र संबंधी बीमारियां थी और वे व्हीलचेयर के सहारे चलते थे। 932 में मुंबई में जन्में रमाकांत विट्ठल आचरेकर काफी दिग्गज क्रिकेट कोच रहे हैं। लेकिन क्रिकेट की दुनिया उन्हें किसी और ही चीज के लिए याद रखेगी और वे है सचिन तेंदुलकर जैसा नायाब हीरा देने के लिए।
मुंबई क्रिकेट टीम के चयनकर्ता रहे रमाकांत आचरेकर को दुनिया सचिन तेंदुलकर के गुरू के रूप में याद रखेगी। आचरेकर मुंबई के दादर में शिवाजी पार्क में युवा क्रिकेटरों को कोचिंग देने के लिए जाने जाते थे, इन्हीं युवाओं में से उन्होंने एक हीरा तराशा था वो हीरा सचिन रमेश तेंदुलकर थे। हालांकि आचरेकर का खेल करियर उनके कोचिंग करियर के मुकाबले ज्यादा खास नहीं रहा। उन्होंने 1943 में क्रिकेट खेलना शुरू किया।
1945 में, उन्होंने न्यू हिंद स्पोर्ट्स क्लब के लिए क्लब क्रिकेट खेला। इसके अलावा उन्होंने यंग महाराष्ट्र इलेवन, गुल मोहर मिल्स और मुंबई पोर्ट के लिए भी क्रिकेट खेला। 1963-64 में मोईन-उद-दौला टूर्नामेंट में हैदराबाद के खिलाफ अखिल भारतीय स्टेट बैंक के लिए केवल एक प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैच भी उन्होंने खेला है। रमाकांत आचरेकर के जीवन और उनके प्रेरक करियर को पत्रकार कुणाल पुरंदरे ने 'रमाकांत आचरेकर: मास्टर ब्लास्टर के मास्टर' नाम से इस प्रसिद्ध कोच की एकमात्र जीवनी लिखा है।
आचरेकर के कोचिंग करियर की बात करें तो उन्होंने शिवाजी पार्क में कामथ मेमोरियल क्रिकेट क्लब की स्थापना की। उन्होंने कई क्रिकेटरों को कोचिंग दी और अपने अंडर में क्रिकेट के गुर सिखाए। जिसमें सचिन तेंदुलकर, अजीत अगरकर, चंद्रकांत पंडित, विनोद कांबली और प्रवीण आमरे जैसे क्रिकेटर शामिल हैं। उन्होंने भारतीय क्रिकेट के उत्थान के लिए खुद को कोचिंग में समर्पित कर दिया था। फिलहाल यह क्लब वर्तमान में उनकी बेटी कल्पना मुकर और दामाद दीपक मुकर चला रहे हैं।