भारतीय क्रिकेट टीम के धाकड़ ऑलराउंडर रहे युवराज सिंह को क्रिकेट से सन्यांस लिए हुए लगभग एक साल पूरे होने वाले हैं। इसके बावजूद टीम इंडिया में उनकी जगह को नहीं भरा जा सका है। युवराज को मध्यक्रम में टीम इंडिया का सबसे बेहतरीन मैच फिनिशर माना जाता है। यही वजह है कि उन्होंने अपनी बेहतरीन ऑलराउंड प्रदर्शन के दमपर भारत को कई सारे महत्वपूर्ण टूर्नामेंट जिताने में अहम भूमिका निभाई, जिसमें सबसे खास साल 2011 का विश्व कप है।
आज ही के दिन साल 2011 विश्व कप में युवराज सिंह का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन निकल सामने आया था। इसी कारण से पंजाब के इस क्रिकेटर को मैन ऑफ द सीरीज चुना गया।
विश्व कप का यही वहीं मैच था जिसमें युवराज ने बल्लेबाजी करते हुए मैदान पर खून की उल्टियां की थी। यह मुकाबला ग्रुप स्टेज में खेले जा रहे वेस्टइंडीज के खिलाफ था जिसमें भारत के टॉप ऑर्डर बल्लेबाज सस्ते में पवेलियन वापस लौट चुके थे।
इस मैच में युवराज सिंह ने विराट कोहली के साथ मिलकर 122 रनों की पार्टनरशिप की थी। हालांकि कोहली 59 रन बनाकर पवेलियन लौट गए थे लेकिन एक छोर से युवराज डटे रहे और 123 गेंद में 113 रनों की पारी खेली जिसमें 10 चौके और 2 छक्के शामिल थे। युवराज सिंह का विश्व कप में पहला शतक था।
युवराज की इसी शतकीय पारी की बदौलत ही भारत ने चेन्नई की उमस भरे मौसम और धीमी पिच पर वेस्टइंडीज के सामने 268 रनों का चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा करने में कामयाब हो पाई।
इस मैच और अपनी पारी को याद करते हुए युवराज सिंह ने साल 2014 में आजतक को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि, ''मैं बल्लेबाजी करते समय ठीक महसूस नहीं कर रहा था, मुझे उल्टियां हो रही थी। पहले तो मैंने सोचा कि शायद यह चेन्नई में गर्मी की वजह से हो रही। इसी बीच मेरे दिमाग में शतक का भी ख्याल था क्योंकि मैं हमेशा से विश्व कप में शतक लगाना चाहता था।''
उन्होंने कहा, ''तबियत लगातार बिगड़ रही थी लेकिन मैं भगवान से प्रार्थना कर रहा था कि चाहे कुछ भी हो जाए, चाहे मैं मर भी जाउं लेकिन बस भारतीय टीम विश्व कप का खिताब अपने नाम करें।''
बल्लेबाजी के दौरान शानदार शतकीय पारी खेलने वाले युवराज सिंह यहीं नहीं रुकने वाले थे। गेंदबाजी के दौरान भी वह वेस्टइंडीज के सामने वह मुश्किल बन कर खड़े हो गए।
युवराज सिंह ने इस मुकाबले में कुल चार ओवर की गेंदबाजी की थी जिसमें उन्होंने 18 रन देकर डेवॉन थॉमस और खतरनाक बल्लेबाज आंद्रे रसेल को आउट कर वेस्टइंडीज की कमर तोड़ दी थी। इस तरह भारतीय टीम ने इसे मैच को 80 रन से जीता था।