विनोद कांबली वो क्रिकेटर हैं जिनसे बहुत अपेक्षाएं थीं लेकिन उन्होंने निराश ही किया. कांबली और सचिन तेंदुलकर बचपन के दोस्त हैं और दोनों ने ही साथ क्रिकेट खेलना शुरु किया था लेकिन सचिन ने जहां बुलंदियों को छुआ वहीं कांबली चूक गए हालंकि प्रतिभा के मामले में वह सचिन से कम नहीं थे.
सचिन जहां गंभीर रहते थे वहीं कांबली केयरफ्री क़िस्म के इंसान रहे हैं जिन्हें हंसी मज़ाक बहुत पसंद है. एक अंग्रेज़ी दैनिक के साथ बातचीत में विनोद ने एक बहुत ही दिलचस्प क़िस्सा सुनाया. ये बात है 1991 विल्स ट्रॉफ़ी फ़ाइनल की जो शरजाह में था. फ़ाइनल का मुक़ाबला भारत और पाकिस्तान के बीच था.
पाकिस्तान ने पहले बैटिंग करत हुए छह विकेट पर 262 रन बनाए. भारत ने अच्छी शुरुआत की लेकिन तभी आक़िब जावेद ने सिद्धू को आउट कर दिया. इसके बाद जो क़िस्सा कांबली ने सुनाया उसे पढ़कर आप लोटपोट हो जाएंगे.
कांबली ने बताया, "पहला विकेट गिरने के बाद मैं ड्रेसिंग रुम में था. तभी मुझे टॉयलेट जाने की ज़रुरत मेहसूस हुई. मैंने कपिल पा जी से पूछा कि क्या मैं टॉयलेट चला जाऊं? पा जी ने कहा ''जा, चले जा.'' कांबली ने बताया कि वह अभी टॉयलेट में कमोड की सीट पर बैठे ही थे कि कपिल देव ने दरवाज़ा पीटा और कहा, ''जल्दी निकल, तुझे बैटिंग करने जाना है....''
कांबली ने कहा कि उन्हें हैरानी हुई क्योंकि उन्हें तो छह नंबर पर बैटिंग करनी थी और इंडिया का सिर्फ एक विकेट गिरा था. लेकिन बाद में पता चला कि आक़िब ने हैट्रिक ले ली थी. पहले उन्होंने रवि शास्त्री को फिर अज़हरुद्दीन को औऱ फिर सचिन को आउट कर दिया.
कांबली ने बताया कि उन्हें आनन फ़ानन में पैड और अन्य क्रिकेट गजेट्स पहनने पड़े. क्रीज़ में भी वो पैड्स वगेरह को ठीक कर रहे थे.
कांबली ने इस मैच में 30 रन बनाए थे और भारत मैच हार गया थ.