कोलकाता: भारत को अंडर-19 विश्व विजेता बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले तेज़ गेंदबाज़ ईशान पोरेल ने अंडर 19 विश्व कप के दौरान एक ऐसी घटना का ख़ुलासा किया है जिसकी वजह से वह रोने लगे थे. पोरेल ने चोट में रहते हुए विश्व कप में आखिरी के तीन मैच खेले थे. उन्होंने कहा, "जब मुझे चोट लगी, मैं रोने लगा और मुझे अपने आप पर गुस्सा आ रहा था। फिर मैंने सुना कि आदित्य ठाकरे मेरा स्थान लेंगे, इससे मेरी वापसी का दृढसंकल्प मजबूत हो गया। मुझे बस वापस आना था।"
चोट की वजह से वह बंगाल की तरफ से विजय हजारे ट्रॉफी में नदारत रह सकते हैं. पोरेल अब राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में चोट से उबरने के लिए जाएंगे.
उनका का कहना है कि वह अपनी गेंदबाज़ी में विविधता लाने पर काम करेंगे. पोरेल ने आईसीसी अंडर-19 विश्व कप के फाइनल में दो विकेट लिए थे. भारत ने फाइनल में आस्ट्रेलिया को आठ विकेट से मात देते हुए चौथी बार खिताब अपने नाम किया था।
कोलकाता लौटने के बाद पोरेल ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "अब मेरा लक्ष्य अपनी चोट से उबरते हुए देश की सीनियर टीम के गेंदबाज- मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार के नक्शे कदम पर चलना है। इन सभी के पास गेंदबाजी में काफी विविधता है और मेरी भी कोशिश अब अपनी गेंदबाजी में विविधता लाने की है। भारतीय टीम में जाना और 2019 में होने वाला विश्व खेलना आसान बात नहीं है।"
पोरेल के कोच बिबहास दास ने कुछ दिनों पहले कहा था कि उनके स्टूडेंट को अब सीनियर टीम में जाने पर ध्यान देना चाहिए। पोरेल ने इस पर कहा, "मैं अभी सीनियर टीम में जाने के बारे में नहीं सोच रहा हूं। अभी के लिए मुझे अपनी तेजी पर काम करना है और लाइन तथा लैंथ को बनाए रखते हुए बल्लेबाज के करीब जाना है।"
उन्होंने कहा, "अब हर कोई मुझे सीनियर टीम में खेलते हुए देखना चाहता है, लेकिन मेरे पास रिमोट कंट्रोल नहीं है। वहां जाना कदम दर कदम का मसला है। मुझे रणजी ट्रॉफी, विजय हजारे, सयैद मुश्ताक अली और फिर इंडिया-ए के लिए अच्छा करना होगा।"
यहां के नेताजी सुभाष चंद्रबोस अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे के बाहर पोरेल के समर्थन में काफी भीड़ थी और लोग बाग भारतीय झंडा लेकर उनका नाम पुकार रहे थे। पोरेल ने कहा, "मेरे लिए कुछ भी नहीं बदला है। पहले जैसा था वैसा ही है। बस मुझ पर अब ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। मैं जानता हूं कि मैं क्या कर रहा हूं। यह मेरे लिए अच्छी बात है साथ ही आगे जाकर मैं जितने भी टूर्नामेंट खेलूंगा उनमें सभी की निगाहें मुझ पर होंगी और अगर मैं अच्छा प्रदर्शन करने में सफल रहा तो इससे मुझे मेरा लक्ष्य पाने में मदद मिलेगी।"
बकौल पोरेल, "अब हर कोई मेरा चेहरा पहचानता है। कई लोगों ने मेरे साथ सेल्फी ली हैं। यह एक अलग अनुभव है। मुझे सब कुछ मिल रहा है। मैंने एक बच्चे के तौर पर जो सपने देखे थे वो सभी धीरे-धीरे पूरे हो रहे हैं। मुझे अब भविष्य पर काम करना है।"
पोरेल ने रणजी ट्रॉफी में विदर्भ के खिलाफ पदार्पण किया था और पहली पारी में 139 रन देकर चार विकेट लिए थे। उन्होंने कहा, "पिछले साल मैं राजस्थान के खिलाफ रणजी ट्रॉफी पदार्पण करने वाला था, लेकिन चोट के कारण वापस लौटना पड़ा। मैं तीन महीने तक बाहर रहा।"
अंडर-19 टीम के कोच राहुल द्रविड़ ने सोमवार को एक बयान में कहा था कि टीम फाइनल में अपना सर्वश्रेष्ठ खेल नहीं खेली। इसके बारे में पूछने पर पोरेल ने कहा, "हम अच्छा खेले इसलिए हम जीते। लेकिन हां, जिस तरह की क्रिकेट हमने क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल में खेली वो हम फाइनल में नहीं दोहरा सके। फाइनल में दबाव था। "
उन्होंने कहा, "चोट अभी भी बाकी है। फाइनल में गेंदबाजी करते हुए काफी दर्द हो रहा था, लेकिन मैंने अपने प्रदर्शन पर इसका असर नहीं पड़ने दिया। अब मैं एनसीए में चोट से वापसी करने की कोशिश करुं गा। मैं 7-8 दिन के बाद एनसीए जाऊंगा।"