भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक सौरव गांगुली को उनकी आक्रामक कप्तानी के लिए जाना जाता था। गांगुली किसी की परवाह किए बिना अपने कड़े फैसले लेते थे। कई बार वह टीम के लिए विपक्षी टीम के खिलाड़ियों से भिड़ भी जाया करते थे। गांगुली के बारे में आपको एक चीज याद होगी कि वह टॉस के दौरान विपक्षी टीम के कप्तानों को खूब इंतजार कराया करते थे। इसके लिए ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीव वॉ और इंग्लैंड के कप्तान नासिर हुसैन ने उनके खिलाफ शिकायत भी की थी।
हाल ही में भारतीय पूर्व तेज गेंदबाज इरफान पठान ने गांगुली के टॉस में देरी से पहुंचने की कहानी बताई है। गांगुली की ही कप्तानी में इरफान पठान ने टीम इंडिया के लिए डेब्यू किया था।
स्टार स्पोर्ट्स के एक शो में पठान ने कहा ''ऑस्ट्रेलिया के मेरे पहले दौरे पर दादा ने स्टीव वॉ को टॉस के लिए इंतजार कराया था। मैं उस समय ड्रेसिंग रूम में था, जब टॉस का समय हो गया तो दादा घड़ी की तरफ देखने लगे। मैनेजर ने उन्हें टॉस के लिए याद दिलाया।''
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पठान ने आगे कहा ''वह स्टीव वॉ का अंतिम टेस्ट था। सचिन भी गांगुली को टॉस के लिए जाने पर सहमत नहीं कर पाए। सचिन ने उनसे कहा था कि दादा टॉस का समय हो गया है आपको जाना चाहिए। लेकिन दादा अपने शूज, स्वेटर और कैप को एडजस्ट करने में समय गंवाते रहे। जब दूसरा आदमी टॉस के लिए इंतजार करता है तो दबाव उस पर होता है, दादा कभी जल्दबाजी में दिखाई नहीं दिए।''
बता दें, हाल ही में श्रीलंका के पूर्व कप्तान कुमार संगाकारा ने भी गांगुली का 2002 चैंपियंस ट्रॉफी का किस्सा साझा किया था। तब गांगुली बैन लगने के डर से श्रीलंका के ड्रेसिंग रूम में पहुंच गए थे।
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संगकारा ने स्टार स्पोटर्स के शो पर कहा, "मुझे एक वनडे मैच का किस्सा याद है जहां उनका रसेल आर्नल्ड से विवाद हो गया था। मुझे लगता है कि दादा को अंतिम चेतावनी दी गई थी और अंपायर ने उनकी शिकायत की थी।"
उन्होंने कहा, "दादा हमारे ड्रेसिंग रूम में आए और हमसे बात की और कहा कि अगर यह चलता रहा तो वह प्रतिबंधित हो जाएंगे। हमने कहा था कि चिंता न करिए हम इसे बड़ा मुद्दा नहीं बनाएंग और उन्हें कुछ नहीं होगा।"
आर्नल्ड इस मैच में लगातार पिच के बीचों बीच दौड़ रहे थे और गांगुली बारबार उन्हें याद दिला रहे थे कि वह ऐसा न करें। इसमें अंपायर को दखल देना पड़ा था।