Saturday, November 02, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. खेल
  3. क्रिकेट
  4. जब पाकिस्तान की तूफ़ान-ए-बेईमानी से नाराज़ होकर कप्तान बेदी ने दे दी भीख में जीत

जब पाकिस्तान की तूफ़ान-ए-बेईमानी से नाराज़ होकर कप्तान बेदी ने दे दी भीख में जीत

मैच जीतने के लिए टीमें वो तमाम हथकंडे अपनाने से भी गुरेज़ नहीं करती जो खेल भावना के ख़िलाफ़ होते है. और जब अंपायर की भी इसमें मिलीभगत हो तो इससे ज़्यादा शर्मनाक बात और कोई नहीं हो सकती.

Written by: India TV Sports Desk
Published on: November 03, 2017 16:15 IST
Bishan-Bedi-Sarfraz-Nawaz- India TV Hindi
Bishan-Bedi-Sarfraz-Nawaz

भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट का मैच किसी जंग से कम नहीं होता हालंकि दोनों तरफ़ आपको ऐसे हज़ारों फ़ैंस मिल जाएंगे जिनके क्रिकेट हीरो उनके नहीं बल्कि विरोधी देश के हैं. ज़ाहिर है जब दोनों देशों के बीच मैच होता है तो दोनों जीत के लिए जी जान लगा देते हैं क्योंकि हार का मतलब होता है घर में आलोचनाओं की बारिश. यही वजह है कि मैच जीतने के लिए टीमें वो तमाम हथकंडे अपनाने से भी गुरेज़ नहीं करती जो खेल भावना के ख़िलाफ़ होते है. और जब अंपायर की भी इसमें मिलीभगत हो तो इससे ज़्यादा शर्मनाक बात और कोई नहीं हो सकती. 39 साल पहले पाकिस्तान की टीम ने ऐसा ही कुछ किया था, जिससे क्रिकेट शर्मसार हो गया था.

दरअसल भारत को जीत के लिए 14 गेंदों में 23 रन चाहिए थे तभी पाकिस्तान बेईमानी पर उतर आया. उसकी इस हरकत से कप्तान बिशन सिंह बेदी इतने गु़स्से में आ गए थे कि उन्होंने बल्लेबाज़ वापस बुला लिए. बेदी के इस फ़ैसले की वजह से पाकिस्तान की सिरीज़ जीतने की आरज़ू पूरी हो गई थी. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में यह पहला उदाहरण था, जब किसी टीम ने बईमानी पर उतर आई टीम को गुस्से में जीत दे दी हो. उस वक्त भारत को जीत के लिए 14 गेंदों में 23 रन चाहिए थे और उसके 8 विकेट बाक़ी थे.

3 नवंबर 1978 को पाकिस्तान के शाहीवाल के ज़फर अली स्टेडियम में भारत-पाक सिरीज़ का तीसरा और निर्णायक मैच हो रहा था. अंपायर थे पाकिस्तान के ही जावेद अख़्तर और ख़िज़र हयात. तब न्यूट्रल अंपायर का चलन नहीं था. यानी पाकिस्तान के 11 खिलाड़ियों के अलावा दोनों अंपायर भी उनके अपने थे.

पाकिस्तान ने 40 ओवरों के मैच में पहले बल्लेबाज़ी करते हुए भारत के सामने 206 का लक्ष्य रखा. चेतन चौहान और अंशुमन गायवाड़ ने भारत की पारी की शुरुआत की और दोनों ने पहले विकेट के लिए 44 रन जोड़ दिए तभी चौहान (23) आउट हो गए. उनके बाद सुरेंद्र अमरनाथ (62) ने गायकवाड़ के साथ स्कोर को 163 तक पहुंचा दिया और लक्ष्य नज़दीक आ गया तभी पाकिस्तान बेईमानी पर उतर आया. अमरनाथ के बाद गायकवाड़ का साथ देने गुंडप्पा विश्वनाथ आए. 38वां ओवर शुरू हुआ और जीत के लिए भारत को महज 23 रनों की जरूरत थी. पाकिस्तान के परेशान कप्तान मुश्ताक मोहम्मद ने बॉल सरफ़राज़ नवाज़ को थमा दी. इसके बाद जो भी हुआ वह पाकिस्तानी क्रिकेट को शर्मसार करने वाला था.

सरफ़राज़ ने उस ओवर में लगातार चार बाउंसर फेंके, लेकिन अंपायर ने उनमें से एक को भी वाइड या नो बॉल क़रार नहीं दिया. पाकिस्तान का प्लान था कि गेंद गायकवाड़ से इतनी दूर गेंद फेंकी जाए कि वह मार ही न पाएं. उसकी इस नापाक स्कीम में पाकिस्तानी अंपायरों ने साथ दिया. इस घटना से कप्तान बेदी इतने नाराज़ हो गए कि उन्होंने गायकवाड़ और विश्वनाथ को वापस बुला लिया और मैच पाकिस्तान के पास चला गया.

लाचार भारतीय बल्लेबाज पैवेलियन की ओर देखने लगे. फिर क्या था कप्तान बेदी से रहा नहीं गया. उन्होंने दोनों बल्लेबाजों को वापस आने का इशारा कर दिया. और साफ-साफ कह दिया कि भारत इस मैच में आगे नहीं खेलेगा. पाकिस्तान को विजेता घोषित कर दिया गया. 2-1 से सीरीज पर कब्जा कर पाकिस्तानी टीम अपने घर में खुश हो गई.

Latest Cricket News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Cricket News in Hindi के लिए क्लिक करें खेल सेक्‍शन

Advertisement

लाइव स्कोरकार्ड

Advertisement
Advertisement