भारतीय पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की गिनती दुनिया के सबसे सफल कप्तानों में की जाती है। धोनी दुनिया के इकलौते कप्तान हैं जिन्होंने आईसीसी के सभी खिताब अपने नाम किए हुए हैं। धोनी अपनी टीम के खिलाड़ियों के साथ अच्छा रिश्ता कायम करते थे। वह खिलाड़ी को समझने के साथ-साथ उस खिलाड़ियी की बेस्ट परफॉर्मेंस भी निकालना जानते हैं। इस वजह से क्रिकेट से दूर रहने के बाद भी अन्य खिलाड़ी धोनी की तारीफों में पूल बांधते रहते हैं।
धोनी खिलाड़ियों के साथ-साथ टीम के सपोर्टिंग स्टाफ का भी काफी ध्यान रखते थे, वह कभी उन्हें टीम से अलग नहीं मानते थे। हाल ही में इसका एक उदहारण टीम इंडिया के पूर्व कोच गैरी कर्स्टन ने दिया है। वर्ल्ड कप विजेता इस कोच ने बताया कि 2011 वर्ल्ड कप से पहले जब उन्हें और टीम के अन्य दो सपोर्टिंग स्टाफ को एक इवेंट में सुरक्षा कारणों की वजह से एंट्री ना मिलने के बाद धोनी ने वो टीम इवेंट ही कैंसिल कर दिया था।
एक यूट्यूब चैनल पर कर्स्टन ने इस किस्से को याद करते हुए कहा "मैं कभी नहीं भूलूंगा, विश्व कप से ठीक पहले हमें बेंगलुरू में फ्लाइट स्कूल जाना था, जहां एक बार उसे देखने के लिए इनवाइट किया गया था। जाहिर है, हमारे सहयोगी स्टाफ में कुछ विदेशी भी थे। हमें सुबह पूरी टीम के साथ वहां जाना था और हर कोई वहां जाने के लिए काफी एक्साइटेड था।"
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गैरी ने इसी के साथ बताया कि टीम के तीन विदेशी सपोर्ट स्टाफ भी थे जिन्हें सुरक्षा कारणों की वजह से उस इवेंट में एंट्री नहीं मिल रही थी। गैरी ने बताया "टीम के सपोर्ट स्टाफ में तीन साउथ अफ्रीकी, पैडी अप्टन, एरिक सीमन्स और मैं थे। हम तीनों को सुरक्षा के लिहाज से फ्लाइट स्कूल में एंटी की परमिशन नहीं दी जा रही थी। धोनी ने इसके बाद इवेंट कैंसिल कर दिया था। धोनी ने कहा था कि ये मेरे लोग हैं। अगर इन्हें परमिशन नहीं मिलेगी तो हम में से कोई भी नहीं जा रहा है।"
गैरी ने कहा "वह काफी वफादार हैं। कई बार ऐसा होता था कि जब हम जीतते थे या टीम का अच्छा वक्त नहीं चल रहा होता था तो हम दोनों काफी वक्त साथ बिताते थे। बात करते थे कि कैसे टीम को आगे ले जाया सकता है। मुझे लगता है कि उन तीन वर्षों में हमारे बीच काफी मजबूत रिश्ता बन गया था।"