भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा ने सौरव गांगुली की कप्तानी से जुड़ा एक बड़ा खुलासा किया है। आकाश चोपड़ा ने एक पुरानी घटना को याद करते हुए बताया कि एक बार सौरव गांगुली ने वीरेंद्र सहवाग से कहा था कि बल्लेबाज को रन बनाने की जरूरत है वरना कप्तान के पास उसे टीम से बाहर करने अलावा कोई और विकल्प नहीं होगा।
चोपड़ा ने बताया कि गांगुली ने भारत और न्यूजीलैंड के बीच अक्टूबर 2003 में मोहाली में खेले गए दूसरे टेस्ट से पहले सहवाग से ये बात कही थी। उस समय सहवाग ने अर्धशतक के बिना नौ पारियां खेली थीं और गांगुली के हिसाब से सलामी बल्लेबाज के लिए ये टीम से बाहर जाने का समय था।
चोपड़ा, जिन्होंने अहमदाबाद में पिछले टेस्ट में पदार्पण किया था, उन्होंने खुलासा किया था कि सहवाग ने गांगुली के शब्दों को ध्यान में रखते हुए मोहाली टेस्ट में 130 रन की पारी खेली। मुंबई और चेन्नई में एक साल पहले वेस्ट इंडीज के खिलाफ 147 और 61 रनों की पारी के बाद सहवाग के बल्ले से निकला ये पहला टेस्ट शतक था।
चोपड़ा ने यूट्यूब पर क्रिक कास्ट शो के दौरान कहा, "वीरू ने शुरू में बहुत रन बनाए, लेकिन उसके बाद में उनके करियर में रनों का सूखा सा पड़ गया। सौरव गांगुली वीरू के पास गए और उससे कहा कि वह उस दिन रन बनाए वरना वह दोबारा नहीं खेल पाएगा। सौभाग्य से, उन्होंने उस मैच में शतक बनाया। इसके बाद सौरव गांगुली ने सहवाग को काफी सपोर्ट किया।”
गांगुली ने सहवाग को टेस्ट में ओपनिंग करने का मौका दिया। गांगुली ने इसके लिए वनडे में अपनी ओपनिंग पोजिशन का भी त्याग किया। इसके बाद भारत को वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर के तौर पर दुनिया की खतरनाक सलामी जोड़ी मिली। चोपड़ा को लगता है कि गांगुली की ये सबसे बड़ी ताकत थी कि वह जिस खिलाड़ी पर विश्वास करते थे, उसको पूरा सपोर्ट करते थे।
सहवाग के अलावा गांगुली ने युवराज सिंह को भी काफी सपोर्ट किया, जिन्होंने पहले दो मैचों में 84 और 41 के स्कोर के साथ अपने करियर की शुरुआत की और उसके बाद करीब 16 पारियों में कोई अर्धशतक नहीं लगा पाए। उन्होंने बताया, "मुझे याद है कि जब युवराज सिंह ने 18-20 पारियां खेली थी, तब उन्होंने कोई अर्धशतक नहीं बनाया था।"