भारतीय क्रिकेट में सौरव गांगुली के बाद टीम इंडिया को अर्श से फर्श तक हाल ही में क्रिकेट से संन्यास ले चुके पूर्व कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी ने पहुँचाया। जिसके बाद दमदार तैयार टीम इंडिया को विराट कोहली भी आगे लेकर चल रहे हैं। उनकी कप्तानी में टेस्ट टीम इंडिया ने पहली बार ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर साल 2019 में टेस्ट सीरीज जीती। जबकि धोनी ने लिमिटेड ओवर्स क्रिकेट में टीम इंडिया को आईसीसी की तीनो ट्रॉफी ( 2007 टी20 विश्वकप, 2011 विश्वकप और 2013 चैम्पियंस ट्राफी ) जिताई जबकि उन्होंने टेस्ट क्रिकेट से साल 2014 में ही संन्यास ले लिया था। हलांकि उन्होंने अपनी टेस्ट कप्तानी में भी टीम इंडिया को रैंकिंग नंबर वन तक पहुँचाया था। ऐसे में दोनों की कप्तानी में बारीक फर्क बताते हुए टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ी इरफ़ान पठान ने बताया कि धोनी को उनकी कैप्टनन कूल की छवि से जाना जाता है जबकि तनाव की स्थिति में कोहली की टीम के अंदर एक अलग तरह का रवैया देखने को मिलता है।
पठान ने आगे बताया कि विरोधी हमेशा इस बात से चिंतित होते थे कि धोनी अब कौन सी चाल चलने वाले हैं। जबकि कोहली को विरोधी इतना परेशान नहीं करते हैं क्योंकि वो जानते है परेशान करने से वो अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देता है।
स्टार स्पोर्ट्स शो क्रिकेट कनेक्टेड में इरफ़ान ने कहा, "धोनी की काल में हमने शान्ति देखी थी लेकिन कोहली युग में हम आक्रामकता देखते हैं। आपको दोनों गुणों में सफल होना चाहिए।"
इरफ़ान ने आगे कहा, "एक खिलाड़ी अपनी शांति और आक्रामकता का उपयोग बेहतर प्रदर्शन के लिए कैसे करता है, हमने दोनों युगों में देखा है। हमने धोनी को मैच में कई बार काफी विपरीत स्थिति से शांत स्वभाव से जीतते हुए देखा है। जबकि कोहली का भी टेस्ट क्रिकेट में रिकॉर्ड शानदार है।"
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इरफ़ान ने अंत में कहा, "ऑस्ट्रेलिया जाना और उसे वहाँ हराना। जहां पर तेज गेंदबाज जो आक्रामक अंदाज में गेंदबाजी करके कभी भी हावी हो सकते हैं। वहाँ पर कोहली ने उनके गेंदबाजों को उल्टा डोमिनेट किया और बतौर कप्तान शानदार खेल दिखाया।"
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बता दें कि विराट कोहली अब 19 सितंबर से यूएई में खेले जाने वाले आईपीएल में रॉयल चैलंजर्स बैंगलोर की कप्तानी करते नजर आएंगे। जिसमें वो अपनी टीम को पहली बार आईपीएल ख़िताब जिताने के लिए एक बार फिर से अपना पूर दमखम लगा देंगे।
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