इंग्लैंड के हालात में अंतिम एकादश को शार्दुल ठाकुर संतुलन प्रदान करते हैं लेकिन भारतीय कप्तान विराट कोहली ने बुधवार को संकेत दिया कि मुंबई के इस तेज गेंदबाज के विकल्प पर फैसला करते हुए टीम प्रबंधन बल्लेबाजी क्षमता को नहीं देखकर ऐसे खिलाड़ी पर ध्यान देगा जो 20 विकेट चटकाने में मदद कर सके।
कोहली के इस बयान को अनुभवी स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के लिए अनुकूल और प्रतिकूल दोनों माना जा सकता है। पहले टेस्ट में अश्विन पर ठाकुर को तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर के रूप में तरजीह दी गई थी। कोहली के बयान का मतलब यह भी हो सकता है कि उन्हें अश्विन की विकेट चटकाने की क्षमता पर भरोसा है और यह भी हो सकता है कि इशांत शर्मा और उमेश यादव अश्विवन द्वारा बनाए कुछ रनों की तुलना में गेंदबाजी आक्रमण को अधिक मजबूती देंगे।
बाएं पैर की मांसपेशियों में खिंचाव के कारण ठाकुर के दूसरे टेस्ट से बाहर होने की जानकारी देते हुए कोहली ने मैच पूर्व प्रेस कांफ्रेंस में कहा, "अच्छी चीज यह है कि जडेजा पहले टेस्ट में रन बना चुका है और वह दूसरे मैच में अधिक आत्मविश्वास के साथ उतरेगा, हमारी बल्लेबाजी में पहले ही गहराई है और निचला क्रम भी बल्ले से योगदान दे रहा है।"
उन्होंने कहा, "हां, शार्दुल की बल्लेबाजी में अधिक क्षमता है लेकिन पुजारा, जिंक्स (अजिंक्य रहाणे) और मैंने काफी रन नहीं बनाए।"
कप्तान ने कहा कि वह ठाकुर के विकल्प पर फैसला करते समय बल्लेबाज क्षमता पर अधिक गौर नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, "प्रत्येक मैच अन्य बल्लेबाजों के लिए मौका होता है कि वे जिम्मेदारी संभालें। रोहित और लोकेश राहुल काफी अच्छा खेले और एक बल्लेबाजी इकाई के रूप में अपनी स्थिति को लेकर हम काफी सहज थे और हमें नहीं लग रहा कि अगर शार्दुल नहीं खेलता है तो हमारे पास एक बल्लेबाज कम रहेगा।"
कोहली ने एक बार फिर संकेत दिया कि वह दूसरे टेस्ट में भी पहले टेस्ट की राह पर चलना चाहते हैं। उन्होंने कहा, "हमारे लिए यह परफेक्ट संतुलन हासिल करना है लेकिन अगर शार्दुल जैसा कोई खिलाड़ी उपलब्ध नहीं होता है तो निश्चित तौर पर हमें सोचना होगा कि हम 20 विकेट कैसे चटकाएंगे और किसी भी ऐसे खिलाड़ी को शामिल करने का प्रयास नहीं करना चाहिए जो बल्ले से कुछ रन बनाए। पहले मैच में जो हुआ उसे लेकर हम काफी सहज हैं।"
कोहली को साथ ही नहीं लगता कि अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा का बड़ी पारी नहीं खेल पाना चिंता की बात है। उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि यह चिंता का विषय है। मुख्य रूप से हमारा ध्यान इस पर नहीं है कि व्यक्तिगत खिलाड़ी कैसा प्रदर्शन कर रहे हैं बल्कि इस पर है कि सामूहिक रूप से वे टीम को कितनी मजबूती देते हैं। आपकी सर्वश्रेष्ठ और सबसे मजबूत बल्लेबाजी इकाई क्या है जिसे आप मैदान पर उतार सकते हो।"
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विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने इंग्लैंड में इस सत्र में दो टेस्ट में अपने आक्रामक रवैये से मिश्रित सफलता हासिल की है और कोहली नहीं चाहते कि यह युवा खिलाड़ी अपने रवैये में बदलाव करे। उन्होंने साथ ही बताया कि पंत के लिए प्रबंधन का संदेश बिलकुल साथ है। कोहली ने कहा, "बेशक, टीम का संदेश बिलकुल साफ है। हम उससे ऐसी पारी की उम्मीद करते हैं जो लय बदल दे और मैच का रुख हमारी तरफ मोड़ दे।"