वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के बीच खेले जा रहे टेस्ट सीरीज के पहले मैच में दोनों टीमों के खिलाड़ियों ने नस्लभेद के खिलाफ आंदोलन को अपना समर्थन दिया है। इस आंदोलन में अब क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका (सीएसए) भी साथ आया है।
क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका (सीएसए) के कार्यकारी सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) जैक्स फॉल ने कहा कि उनका बोर्ड ‘ब्लैक लाइव्स मैटर (बीएलएम)’ अभियान के साथ एकजुटता से खड़ा है और वह इस भेदभाव के खिलाफ लोगों को शिक्षित करने के लिए अपने सभी मंचों का उपयोग करेगा।
एक मीडिया बयान में सीएसए ने कहा कि बोर्ड की स्थापना गैर-नस्लवाद और समावेश के सिद्धांतों पर की गई थी। बयान के मुताबिक, ‘‘ सीएसए का लक्ष्य सही मायने में विजेताओं का राष्ट्रीय खेल बनने की है जिसे बहुमत का समर्थन प्राप्त हो और ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ से जुड़ाव रखता हो। इसे समझना इतना ही आसान है।’’
फॉल ने कहा, ‘‘ साढ़े पांच करोड़ से अधिक दक्षिण अफ्रीकी लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक राष्ट्रीय खेल निकाय के रूप में यह महत्वपूर्ण है कि हम अपनी आवाज का उपयोग सभी प्रकार के भेदभाव वाले विषयों पर शिक्षित करने लिए करें।’’
गौरतलब है कि दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद का का काफी पुराना इतिहास रहा है। रंगभेद के चलते दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट टीम को लंबे समय तक बैन झेलना पड़ा था। इसके बाद पूरे देश में रंगभेद के खिलाफ बड़ा आंदोलन खड़ा हुआ और सभी लोगों को देश में बराबरी का हक मिला। क्रिकेट टीम में भी श्वेत और अश्वेत खिलाड़ियों के बीच फासला भी कम हुआ।
हाल ही में अमेरिका में श्वेत पुलिस अधिकारी की बर्बरता से अफ्रीकी-अमेरिकी मूल के व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद 'ब्लैक लाइव्स मैटर (बीएलएम)' आंदोलन ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा था। इस मुद्दे पर वेस्टइंडीज के माइकल होल्डिंग, जेसन होल्डर, डैरेन सैमी जैसे क्रिकेटरों ने खुलकर अपनी राय रखी थी और पूरी दुनिया में मौजूद नस्लभेद के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की थी।
(With PTI inputs)