ऑस्ट्रेलिया दौरे पर तीसरे टेस्ट में भारतीय टीम को प्रमुख गेंदबाजों के चोटिल होने की समस्या से जूझना पड़ा। ऐसे में शार्दुल ठाकुर, वाशिंगटन सुंदर और टी नटराजन को ब्रिसबेन टेस्ट में खेलने का मौका मिला। इस मैच में इन तीनों खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन की छाप छोड़ी।
तीनों गेंदबाजों की तारीफ करते हुए गेंदबाजी कोच भरत अरूण ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि नेट गेंदबाज के तौर पर यहां आये खिलाड़ियों को रोके रखने का रवि शास्त्री का फैसला शानदार था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वनडे सीरीज के बाद ज्यादातर खिलाड़ी भारत लौट आते लेकिन हमने सोचा कि अगर किसी खिलाड़ी को कुछ होता है तो प्रतिबंधों (पृथकवास नियमों) के कारण किसी का आना लगभग नामुंकिन होगा।’’
अरूण ने कहा, ‘‘ ऐसे में हमने सोचा कि हम यहां सभी के साथ रहेंगे। वे यह समझने में सक्षम थे कि यह ऑस्ट्रेलिया में सफल होने के लिए कैसी गेंदबाजी की जरूरत होगी। उन सभी का हमारे साथ होने से बहुत फायदा हुआ।’’ उन्होंने बताया कि नेट गेंदबाज होने के बाद भी सुंदर को बल्लेबाजी अभ्यास करवाया जाता था। सुंदर ने ब्रिसबेन टेस्ट की पहली पारी में शार्दुल के साथ सातवें विकेट के लिए 123 रन की साझेदारी की भारतीय टीम को मुश्किल स्थिति से बाहर निकाला था।
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अरूण ने बताया, ‘‘ वाशिंगटन (सुंदर) नेट गेंदबाज थे लेकिन वह हर दिन आधे घंटे तक बल्लेबाजी करते थे। हमें इसके लिए नेट पर अतिरिक्त समय बिताना होता था लेकिन हमें हर खिलाड़ी पर ध्यान देना था। आखिर में इससे टीम को फायदा हुआ।’’ एडीलेड में खेले गये पहले टेस्ट के बाद भारतीय टीम हर मैच में पांच विशेषज्ञ गेंदबाजों के साथ मैदान में उतरी थी। विराट कोहली की कप्तानी में टीम विदेशी दौरे पर पिछले कुछ वर्षों से इसी योजना के साथ मैदान पर उतर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘ज्यादातर समय हम पांच गेंदबाजों के साथ विदेशी मैदान पर उतरते है क्योंकि विदेशी परिस्थितियों में चार गेंदबाजों से पूरी टीम को आउट करना काफी मुश्किल होता है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ यह टीम निडर और ईमानदार से खेलने के सिद्धांत को मानती है। हम मैच हारने से नहीं डरते है।’’
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गेंदबाजी कोच ने कहा, ‘‘आखिरी तीनों टेस्ट में भी अतिरिक्त बल्लेबाज के साथ उतरने की चर्चा हुई थी लेकिन हमने महसूस किया कि यह एक नकारात्मक कदम होगा और हम सभी को लगा कि पांच गेंदबाजों के साथ उतरना हमारे लिए सफल रहा है। हम जानते थे कि वाशिंगटन सुंदर बल्ले से काफी सक्षम है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस दौरे पर कई गेंदबाज चोटिल हुए लेकिन भविष्य में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए सात तेज गेंदबाज तैयार रहेंगे। हमें इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू मैदान पर चार और फिर उनकी सरजमीं पर पांच टेस्ट मैच खेलना है। ऐसे में गेंदबाजों को ‘रोटेशन’ के तहत मौका मिलेगा। हम सुनिश्चित करेंगे की सर्वश्रेष्ठ टीम को मैदान में उतारा जाये।’’