कड़े बायो बबल नियमों के साथ-साथ टीम इंडिया के खिलाड़ी चोट से भी परेशन थी। इसी बीच अब एक ऐसे खुलासा हुआ है जिसके बारे में आप भी सोच कर हैरान हो जाएंगे। एक खिलाड़ी जब किसी दौरे पर जाता है, तो वह खेल में इस्तेमाल होने वाला हर समान अपने साथ रखता है। लेकिन ऑस्ट्रेलिया दौरे पर एक भारतीय खिलाड़ी ऐसा था जिसे मैच के बीच में दुकान पर पैड लेने जाने पड़े।
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जी हां, ये खिलाड़ी और कोई नहीं बल्कि भारतीय ऑलराउंडर वॉशिंगटन सुंदर है। इस खिलाड़ी को आखिरी टेस्ट में खेलने का मौका मिला जब रविंद्र जडेजा और आर अश्विन चोटिल हो गए थे। सुंदर वैसे तो ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज में बतौर नेट्स गेंदबाज ही गए थे, लेकिन खिलाड़ियों के चोटिल होने की वजह से उन्हें प्लेइंग इलेवन में मौका मिल गया।
अचानक टीम इंडिया में शामिल होने के कारण उनके सामने पैड्स की समस्या आ गई। दरअसल, सुंदर नेट्स में जब बल्लेबाजी करते थे तो उनके पास नीले पैड्स थे, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में सफेद रंग के पैड पहनना जरूरी है। ऐसे में उनको पैड्स के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
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लंबा कद होने के कराण टीम के किसी खिलाड़ी के पैड्स उन्हें फिट नहीं आ रहे थे ऐसे में सुंदर ने ऑस्ट्रेलियाई टीम से इसके लिए मदद मांगी थी, लेकिन कोरोना के कारण उन्होंने सुंदर की मदद करने से इनकार कर दिया। इसका खुलासा हाल ही में भारतीय फील्डिंग कोच आर श्रीधर ने किया है।
तेलांगना टुडे के अनुसार श्रीधर ने कहा ‘‘वॉशिंगटन के पास मैच में बैटिंग के लिए सफेद पैड नहीं थे। वे नीले पैड पहनकर नेट प्रैक्टिस कर रहे थे।’’
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उन्होंने कहा ‘‘हमने काफी कोशिश की, लेकिन लंबे कद के वॉशिंगटन के लिए पैड्स मिलना मुश्किल हो रहा था। हमने ऑस्ट्रेलियाई टीम से भी मदद मांगी, लेकिन उन्होंने कोरोना के कारण पैड देने से मना कर दिया। गाबा टेस्ट शुरू होने के बाद हम दुकान पर गए और पैड खरीदकर ला सके।’’
आखिरी टेस्ट में इन्हीं पैड्स के साथ सुंदर ने पहली पारी में 62 और दूसरी पारी में 22 रन की पारी खेली थी।