रविवार को भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण ने ऐलान किया था कि वह अगले कुछ दिनों तक उन खिलाड़ियों को याद करेंगे जिनके साथ वो खेले हैं और जिन्होंने उन पर बड़ा प्रभाव छोड़ा है। पहले दिन लक्ष्मण ने क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर को याद किया था और अब मंगलवार को उन्होंने टीम इंडिया के लेग स्पिनर और पूर्व कप्तान अनिल कुंबले के सम्मान में ट्विट किया है। कुंबले की तीरीफ करते हुए लक्ष्णण ने कहा कि वह हर तरीके से बहुत बड़े खिलाड़ी हैं और वह हमेशा अपनी जिम्मेदारी निभाने को तैयार रहते हैं।
लक्ष्मण ने कुंबले को याद करते हुए उनकी एक तस्वीर शेयर की है जिसमें उनके मुंह पर पट्टी लगी दिखाई दे रही है। ये तस्वीर वेस्टइंडीज के खिलाफ 2002 में एंटीगा में खेले गए गए उस मैच की है जिसमें कुंबले ने टूटे जबड़े के साथ गेंदबाजी की थी।
लक्ष्मण ने ट्वीट किया,"हर मायने में एक बड़ा खिलाड़ी, वह सभी बाधाओं को पीछे छोड़कर आगे बड़े और हमेशा अपनी जिम्मेदारी निभाई। वो साहस वो धैर्य जो इस फोटो में दिखाया गया है अनिल कुंबले में सबसे ज्यादा है। कभी हार न मानना चाहे कुछ भी हो, यही खासियत है जो कुंबले को वो क्रिकेटर बनाती है जो वो हैं।"
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साल 2002 में खेले गए उस टेस्ट मैच में कुंबले को मारविन डिल्लन की गेंद जबड़े में लग गई थी। बावजूद इसके उन्होंने मुंह पर पट्टी बांध लगातार 14 ओवर गेंदबाजी की थी।
कुंबले टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। उन्होंने भारत के लिए 132 टेस्ट मैच खेले हैं और 619 विकेट लिए हैं। वनडे में कुंबले ने भारत के लिए 271 मैच खेले हैं जिनमें 337 विकेट अपने नाम किए हैं।
लक्ष्मण ने सोमवार को सचिन के बारे में पहला ट्वीट करते हुए लक्ष्मण ने लिखा, ''मैं अपने करियर के दौरान बहुत भाग्यशाली रहा हूं, जिन्होंने अपने शानदार खेल से लगातार मुझे प्रेरित किया है। सीखने के लिए कई सबक हैं, जैसे मैंने इनसे सीखे। जिस तरह से उन्होंने खुद के करियर को संभाला, वह काबिले-तारीफ है। अगले कुछ दिनों तक मैं टीम के उन साथियों को ट्रिब्यूट दे रहा हूं, जिन्होंने मुझे बेहद प्रभावित किया।''
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इसी के साथ उन्होंने लिखा, ''उनका धमाकेदार करियर कई यादगार और शानदार पलों से भरा हुआ है, लेकिन उससे भी कहीं ज्यादा खेल के प्रति उनकी प्रतिबद्धताएं रही हैं। उनका खेल के प्रति जुनून और सम्मान ही है, जिसने वह बनाया, जो वह हैं। इतनी शानदार तारीफों के बाद भी वह हमेशा जमीन से जुड़े हुए रहे। यह उनकी उनकी महानता की एक बानगी है।"