दुबई: अपनी विस्फोटक बल्लेबाज़ी से दुनिया भर के क्रिकेट प्रेमियों के दिलों पर राज करने वाले सलामी बल्लेबाज़ वीरेंद्र सहवाग ने अपने 37वें जन्मदिन से एक दिन पहले आज यहां घोषणा की कि वह भारत जाकर संन्यास की घोषणा कर देंगे।
उन्होंने अगले साल होने वाले मास्टर्स चैंपियन्स लीग 2020 में भाग लेने की पुष्टि करते हुए यह घोषणा की। इस लीग में केवल संन्यास लेने वाले क्रिकेटर ही भाग ले सकते हैं।
नजफगढ़ के तेंदुलकर के नाम से मशहूर सहवाग ने अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी से दुनिया भर के गेंदबाजों को दहशत में रखा। कई स्ट्रोकों के धनी इस धाकड़ बल्लेबाज ने अपने करियर में 104 टेस्ट मैचों की 180 पारियों में 49 . 34 की औसत से 8586 रन बनाये जिसमें 23 शतक और 32 अर्धशतक शामिल हैं। वह दुनिया के उन कुछेक बल्लेबाजों में शामिल हैं जिन्होंने टेस्ट मैचों में दो तिहरे शतक लगाये।
मध्यक्रम के बल्लेबाज के रूप में शुरूआत करने वाले सहवाग ने अपना पहला टेस्ट मैच नवंबर 2001 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ब्लोमफोंटेन में खेला था जिसमें उन्होंने 105 रन की शानदार पारी खेली थी। बाद में वह भारत की तरफ से नियमित सलामी बल्लेबाज बन गये और उन्होंने अपने करियर में कई यादगार पारियां खेली।
सहवाग के संन्यास की खबर पर पूर्व कप्तान अनिल कुंबले ने कहा कि उन्होंने कभी उनकी तरह का बल्लेबाज नहीं देखा। कुंबले ने ट्वीट किया, शीर्ष क्रम में कोई भी आपकी बल्लेबाजी की बराबरी नहीं कर सकता। शानदार करियर, मैच विजेता और बेहतरीन टीम सदस्य।
भारतीय टीम 2004 में जब पाकिस्तान दौरे पर गयी तो सहवाग ने मुल्तान में 309 रन बनाकर भारतीय क्रिकेट में नया इतिहास रचा था। वह टेस्ट मैचों में तिहरा शतक जड़ने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बने थे। इसके बाद उन्होंने 2008 में चेन्नई में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 319 रन की पारी खेली जो आज भी भारत की तरफ से टेस्ट मैचों में किसी बल्लेबाज का सर्वाधिक स्कोर है।