आईपीएल में किंग्स इलेवन पंजाब की टीम से और रणजी में मुंबई की ओर से खेलने वाले सरफराज खान अभी मात्र 22 ही साल के हैं, लेकिन उन्होंने अपने छोटे से करियर में काफी उतरा चढ़ाव देख लिए हैं। आईपीएल में आरसीबी में एक साल रिटेन होने के बाद कप्तान कोहली ने उन्हें फिटनेस के चलते अगले साल टीम से बाहर का रास्ता दिखाया था, लेकिन कोहली के इस फैसले ने सरफराज की जिंदगी बदल दी और वो ये बात खुद भी मानते हैं।
हाल ही में ईएसपीएन को दिए एक इंटरव्यू में सरफराज ने कहा "फिटनेस की वजह से साल 2016 में मैं रॉयल चैलेंर्स से ड्रॉप हुआ था। विराट कोहली ने सीधा मेरे से कहा था कि उन्हें मेरे कौशल पर कोई संदेह नही है, लेकिन मेरी फिटनेस मुझे अगले स्तर तक नहीं पहुंचने दे रही है। वह मेरे लिए उस समय काफी ईमानदार थे।"
विराट कोहली की यह बात सरफराज के दिल पर जा लगी और उन्होंने अपनी डाइट और फिटनेस पर ध्यान देना शुरु किया। सरफराज ने कहा "मुझे पता था कि मुझे कब फिट होना था , इस वजह से मैने वर्कआउट, भागना और कार्डियो करना शुरु किया। मैंने मिठाई खाना छोड़ दिया और अपनी खाने की आदत को सुधारने लगा। मैंने यह नहीं कहा कि मैं फिटनेस के प्रति जुनूनी हो गया हूं, लेकिन मैंने सिर्फ अपनी डाइट में थोड़े बदलाव किए हैं। अगर मेरे पास किसी चीज के दो हिस्से होते हैं, तो मैंने इसे एक हिस्से में बदल दिया, और धीरे-धीरे जंक फूड के सेवन से कम कर दिया।"
सरफराज ने इसी के साथ बताया कि उनकी खाने की बुरी आदत की वजह से टीम के साथी उन्हें पहले पांडा बुलाया करते थे, लेकिन जब से उन्होंने अपनी फिटनेस पर काम किया तो उनका निक नेम भी बदल गया है। सरफराज ने कहा “मुझे न केवल अपनी बेहतर फिटनेस के बारे में अच्छा महसूस हुआ, बल्कि इससे मुझे रन बनाने में भी मदद मिली। एक समय ऐसा था जब मेरी टीम के सभी साथी मुझे 'पांडा' कहते थे, क्योंकि मैं बहुत खाता था। अब वे मुझे 'माचो' कहने लगे हैं। वास्तव में, बहुत कम लोग अब इसे मेरा निकनेम जानते हैं।"
बता दें, मुंबई की ओर से रणजी ट्रॉफी खेल रहे सरफराज फॉर्म में दिखाई दे रहे हैं। हाल ही में उन्होंने उत्तरप्रदेश के खिलाफ तिहरा शतक लगाया था और हिमाचल के खिलाफ जारी रणजी मैच में उन्होंने दोहरा शतक लगाया है। खबर लिखे जाने तक सरफराज नाबाद 226 रन बनाकर क्रीज पर मौजूद हैं।