नई दिल्ली। देश के लिये खेलना ‘किसी पर अहसान करना नहीं’ है और शायद यही कारण है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दस साल बिताने के बावजूद भारतीय कप्तान विराट कोहली खुद को ‘कुछ विशिष्ट का हकदार’ नहीं मानते हैं। कोहली ने वनडे में 10,000 रन सबसे कम पारियों में पूरे करके सचिन तेंदुलकर का रिकार्ड तोड़ा। उनका मानना है कि कुछ भी तयशुदा नहीं मानना चाहिए। कोहली ने बीसीसीआई.टीवी से कहा, ‘‘मेरे लिये देश का प्रतिनिधित्व करना बहुत बड़ा सम्मान है और यहां तक कि दस साल खेलने के बाद भी मुझे ऐसा अहसास नहीं होता कि मैं किसी खास चीज का हकदार हूं। आपको तब भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रत्येक रन के लिये कड़ी मेहनत करनी होगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कई लोग हैं जो भारत की तरफ से खेलना चाहते हैं। जब आप खुद को उस स्थिति में रखते हो तो आपके अंदर भी रनों की वही भूख होनी चाहिए और चीजों को तयशुदा नहीं मानना चाहिए। किसी भी स्तर पर इसे आसान नहीं मानो।’’ कोहली ने कहा कि टीम को प्रतिबद्धता की जरूरत होती है।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर मुझे एक ओवर में छह बार डाइव लगानी पड़े तो तब भी मैं टीम के लिये ऐसा करूंगा। क्योंकि यह मेरा कर्तव्य है और इसके लिये मुझे टीम में चुना गया है। यह मेरे काम का हिस्सा है। मैं किसी पर अहसान नहीं कर रहा हूं। ’’
कोहली ने कहा, ‘‘मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं। ये चीजें ज्यादा मायने नहीं रखती लेकिन आप अपने करियर में दस वर्ष खेलने के बाद इस मुकाम पर पहुंचे हैं और यह मेरे लिये खास है क्योंकि मैं इस खेल को बहुत चाहता हूं और अधिक से अधिक खेलन चाहता हूं। मेरे लिये यह सबसे महत्वपूर्ण है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मैं खुश हूं कि मैं इतने लंबे समय तक खेलने में सफल रहा और उम्मीद है कि आगे भी खेलता रहूंगा।’’