भारतीय क्रिकेट टीम कप्तान विराट कोहली दुनिया सबसे फिट खिलाड़ियों में से एक माने जाते हैं। कोहली अपने खेल के साथ-साथ अपनी फिटनेस और खान-पान को लेकर काफी गंभीर रहते हैं। यही कारण है कि मैच के दौरान उनकी चुस्ती और फुर्ती को देखकर उन्हें रन मशीन कहा जाने लगा क्योंकि विकेट के बीच दौड़ में वह दुनिया के किसी भी क्रिकेटर से बेहतर हैं।
हालांकि विराट कोहली जब भारतीय टीम के लिए अपना डेब्यू किए थे तो उनका शरीर काफी थुल थुला था लेकि साल 2010 के बाद उन्होंने खुद को पूरी तरह से बदल लिया और वह लगातार अपनी फिटनेस पर काम करने लगे, लेकिन इन सबके बीच विराट की मां को उन्हें लेकर काफी चिंता हुई थी।
हाल ही में विराट कोहली ने मयंक अग्रवाल के साथ खास बातचीत में बताया की उन्हें जब अपनी मां फिटेनस को लेकर समझाने में बहुत मुश्किल आई थी। बीसीसीआई ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें विराट, मयंक के साथ बातचीत कर रहे हैं।
इस दौरान विराट ने कहा, ''जब मैं पूरी तरह से फिटनेस को लेकर गंभीर हो गया तो मेरी मां हमेशा कहने लगी की तुम कमजोर हो गए हो, दुबले हो गए हो। कोई भी मां ऐसा कहेगी। मां मेरे पेशेवर चिंता को बिल्कुल नहीं समझ नहीं रही थी।''
उन्होंने कहा, ''अगर बच्चा हस्ट पुष्ट नहीं दिखता है तो इसका मतलब है की कुछ गलत है या वह बीमार है। ऐसे में मुझे हमेशा मां को समझाना होता था कि मैं बीमार नहीं हूं। हर अगले दिन मैं उनसे कहता था कि मैं ठीक हूं। मैं ऐसा इसलिए कर रहा हूं क्योंकि मुझे क्रिकेट खेलना है और यह इसके लिए जरूरी है। उनको समझना बहुत ही मुश्किल काम था।''
विराट ने कहा, ''एक समय पर यह काफी मजाकिया भी लगने लगा था और मैं इस बात से परेशान भी हो गया था, क्योंकि आप पूरी शिद्दत के साथ अपनी फिटनेस पर जब काम रहे हो और अगले दिन जब आप सो कर उठते हो तो आपको सुनने को मिलता है कि तू ठीक नहीं लग रहा है लेकिन वह समय भी अच्छा था।''
आपको बता दें कि कोरोना वायरस महामारी के कारण भारतीय क्रिकेट टीम बीते मार्च से ही इंटरनेशनल क्रिकेट से दूर है। इस महामारी के कारण है कि हाल ही में कई बड़े टूर्नामेंट को रद्द कर दिया गया जिसमें ऑस्ट्रेलिया में होने वाला टी-20 विश्व कप भी शामिल है।
हालांकि इस बीच इंग्लैंड में इंटरनेशनल क्रिकेट की बहाली हो गई है। कोविड-19 महामारी के दौरान इंग्लैंड और वेस्टइंडीज पहली दो टीमें हैं जिनके बीच टेस्ट सीरीज खेला गया है।