तेज हवाएं, छोटा ग्राउंड, स्विंग करती गेंदबाजी... न्यूजीलैंड के दौरे पर टीम इंडिया जब आई तो उनके दिमाग में बस यही चीजें चल रही थी। भारत इन सभी चीजों का तोड़ लेकर ही न्यूजीलैंड की धरती पर उतरा था। भारत की यह तैयारी हमें न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 सीरीज में देखने को भी मिली जहां टीम इंडिया ने मेजबानों का 5-0 से सूपड़ा साफ किया। टी20 सीरीज में भारतीय टीम काफी आक्रमकता से भी खेली। ऐसा इसलिए भी क्योंकि टी20 वर्ल्ड कप जो आ रहा है। लेकिन जब बात वनडे सीरीज की आई तो भारतीय टीम फेल होती नजर आई। बात यह नहीं है कि वनडे सीरीज में तेज हवाओं और स्विंग खाती गेंदबाजी के आगे टीम इंडिया की रणनीति फेल हुई, बल्कि टीम की कुछ खामियों की वजह से उन्हें सीरीज में हार का सामना करना पड़ा है। आइए जानते हैं भारतीय टीम के हार के 4 बड़े कारण-
अनुभवहीन सलामी बल्लेबाज
पहले शिखर धवन और फिर रोहित शर्मा के चोटिल होने के बाद भारतीय सालामी बल्लेबाजी एकदम अनुभवहीन हो गई है। भारतीय कप्तान विराट कोहली ने न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 सीरीज से पहले ही कह दिया था कि केएल राहुल वनडे सीरीज में पांचवे स्थान पर ही बल्लेबाजी करेंगे। जब रोहित शर्मा चोटिल हुए तो सबको उम्मीद थी कि कोहली अपना फैसला बदलेंगे और राहुल से सलामी बल्लेबाजी करवाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ कोहली अपने फैसले पर अडिग रहे और नतीजा आपके सामने है। अगर कोहली मौके की नजाकत को समझते हुए राहुल से ओपनिंग करवाते तो टीम इंडिया को दो फायदे होते। एक यह कि टीम की सलामी जोड़ी में एक अनुभवी खिलाड़ी होता और दूसरा यह की मिडल ऑडर और निचले क्रम में अन्य खिलाड़ी को जगह दिया जा सकता था।
5 गेंदबाज ही क्यों?
पिछले काफी समय से देखने को मिल रहा है कि विराट कोहली टी20 में तो 6-7 बॉलिंग ऑपशन के साथ उतरते हैं, लेकिन वनडे फॉर्मेट में वो गेंदबाजी के 5 ही विकल्प रखते हैं। यह रणनीति भारतीय मैदानों पर तो काम आ जाती है, लेकिन न्यूजीलैंड के छोटे मैदानों पर यह रणनीति टीम पर उलटी पड़ती दिखाई दे रही है। अगर अब विराट कोहली यह सोच रहे हैं कि जब तक हार्दिक पांड्या नहीं आते तब तक वह इस रणनीति के साथ ही मैदान पर उतरेंगे तो यह गलत है। विराट कोहली जल्द ही अपनी इस रणनीति पर विचार करने की जरूरत है।
जाधव की जगह मनीष पांडे क्यों नहीं ?
न्यूजीलैंड दौरे पर मौजूदा भारतीय टीम के सबसे उम्रदराज खिलाड़ी केदार जाधव को पिछले काफी समय से टीम इंडिया अपने साथ लेकर चल रही है। पहले जाधव अंतिम ओवरों में बल्लेबाजी करने के साथ-साथ गेंदबाजी भी कर लिया करते थे जिससे टीम को मदद मिलती थी। लेकिन अब टीम उनकी गेंदबाजी का बिल्कुल ही उपयोग नहीं करती। तो ऐसे में क्या जाधव की टीम में जगह फिट बैठती है? क्या जाधव से आधिक कौशल वाले बल्लेबाजों को उनकी जगह मौका दिया जा सकता है? जाधव को अगर टीम सिर्फ एक बल्लेबाज के रूप में ही खिला रही है तो मनीष पांडे को उनकी जगह क्या मौका नहीं दिया जा सकता? केदार जाधव को टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन में देखकर हर किसी के मन में यह सवाल उठता है। कोहली को इसपर भी विचार विमर्श करने की जरूरत है।
आखिर के विकेट नहीं चटका पाए
न्यूजीलैंड ने भारत के खिलाफ दूसरे वनडे मैच में शानदार शुरुआत की और पहले विकेट के लिए उनके सलामी बल्लेबाजों ने 93 रन जोड़े। पहला विकेट गिरने के बाद भारतीय तेज गेंदबाजों में जोश जागा और 197 रन पर उन्होंने न्यूजीलैंड के 8 खिलाड़ियों को पवेलियन लौटा दिया था। उस समय ऐसा लग रहा था कि टीम इंडिया न्यूजीलैंड को 225-230 तक समेट देगी। टीम के गेंदबाज भी थोड़ा ढ़ीले पड़ गए। इसका न्यूजीलैंड के बल्लेबाज रॉस टेलर और काइल जैमीसन ने फायदा उठाया और 9वें विकेट लिए 76 रन जोड़ डाले। टीम इंडिया को यही रन भारी पड़ गए और दूसरे वनडे में हार के साथ उन्हें सीरीज गंवानी पड़ी। टीम के गेंदबाजों को काम को खत्म करने की आदत डालनी होगी। जब तक विपक्षी टीम के सभी बल्लेबाज पवेलियन नहीं लौट जाते तब तक उन्हें आक्रमकता से खेलना होगा।