"केएल राहुल अच्छी बल्लेबाजी कर रहे हैं तो हम उसे टीम में फिट करने की कोशिश कर रहे हैं। मेरे नंबर चार पर बल्लेबाजी करने के बाद नतीजे टीम के पक्ष में नहीं रहे, अब हमें देखना होगा कि हम क्या करें।" ऑस्ट्रेलिया से पहला वनडे मैच 10 विकेट से गंवाने के बाद भारतीय कप्तान विराट कोहली ने यह बात कही। इससे यह साफ होता है कि विराट कोहली टीम के संयोजन को ना देखते हुए बस खिलाड़ियों को उनकी परफॉर्मेंस के बूते टीम में जगह दे रहे हैं।
क्यों विराट कोहली ने दी तीनों सलामी बल्लेबाजों को प्लेइंग इलेवन में जगह
बात विराट कोहली के इन तीनों सलामी बल्लेबाजों को एक ही प्लेइंग इलेवन में फिट करने की वजह की करें तो रोहित शर्मा और केएल राहुल ने अपनी धाकड़ परफॉर्मेंस की वजह से टीम में अपनी जगह बनाई। वहीं चोट के 5 महीने बाद शिखर धवन टीम में वापसी कर रहे थे। धवन को टीम में जगह देने के दो कारण थे, एक तो धवन टीम के सीनियर खिलाड़ी हैं और दूसरा, अगर धवन को प्लेइंग इलेवन से बाहर रखा जाता तो बाकी खिलाड़ी के मन में यह बात आती कि अगर वो चोट की वजह से बाहर हुए तो उनकी जगह छिन सकती है। ऐसे में हो सकता था कि आगे आने वाले समय में खिलाड़ी अपनी चोट को छिपाना शुरु कर दें।
एमएस धोनी के सामने भी आ चुकी है ऐसी समस्या
विराट कोहली के साथ ऐसा पहली बार नहीं हो रहा कि टीम में तीन सलामी बल्लेबाज हैं और तीनों को उन्हें एक ही प्लेइंग इलेवन में खिलाना पड़ रहा है। जब महेंद्र सिंह धोनी कप्तान थे तो उनके साथ भी ऐसा हो चुका है। बात 2012 की है जब सीबी सीरीज के दौरान टीम इंडिया के पास वीरेंद्र सहवाग, सचिन तेंदुलकर और गौतम गंभीर जैसे तीन धाकड़ सलामी बल्लेबाज थे और तीनों उस समय अच्छा परफॉर्म कर रहे थे।
लेकिन टीम के संयोजन और वर्ल्ड कप 2015 को देखते हुए धोनी ने टीम में रोटेशन पॉलिसी चलाई जिसके तहत तीनों सलामी बल्लेबाजों को एक-एक करके खेलने का मौका दिया गया। हालांकि इस पॉलिसी से खिलाड़ी नाराज भी हुए लेकिन कई बार टीम हित को देखते हुए ऐसे फैसले लेना जरूरी हो जाते हैं।
विराट कोहली को भी धोनी की तरह लेने होंगे कड़े फैसले
मौजूदा भारतीय टीम को नंबर तीन पर विराट कोहली की कितनी जरूरत है यह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले वनडे मैच से पता चल चुका है। राहुल ने भारत के लिए नंबर चार पर भी कई बार बल्लेबाजी की है लेकिन मौजूदा समय में श्रेयस अय्यर ने इस जगह पर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, ऐसे में उन्हें बाहर करने की भी कोई वजह नजर नहीं आती है।
ऐसे में टीम संयोजन के लिए विराट कोहली को धोनी की तरह कड़े फैसले लेने होंगे। धोनी की तरह उन्हें भी टीम में रोटेशन पॉलिसी लागू करनी चाहिए ताकि तीनों सलामी बल्लेबाजों को खेलने का मौका मिले।
इससे टीम को होंगे कई फायदे
अगर विराट कोहली इस समय टीम में रॉटेशन पॉलिसी लागू करते है तो टीम को कई फायदे होंगे। टीम में एक जगह खाली रहेगी जिसमें शिवम दूबे खेल सकते हैं। दूबे के खेलने से टीम में एक बैटिंग विकल्प और बॉलिंग विकल्प बढ़ जाता है। भारत पिछले मैच में मात्र 5 ही गेंदों के साथ उतरा था, ऐसे में टीम में यह 6ठां विकल्प कारगर साबित हो सकता है।
टीम में दूबे के शामिल होने से कुलचा को भी एक साथ खेलने का मौका मिल सकता है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले मैच में भारत ने तीन तेज गेंदबाज (जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और शार्दुल ठाकुर) खिलाए। लेकिन जब दूबे इस टीम में जगह बना लेंगे तो भारत किसी एक तेज गेंदबाज को बाहर कर टीम में एक साथ कुलचा को खिला सकता हैं और सभी को पता है जब कुलचा एक साथ खेलते हैं तो वो कितने खतरनाक साबित होते हैं।
भारत अब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन वनडे मैच की सीरीज में 1-0 से पिछड़ रहा है। अगर अब भारत को यहां से सीरीज जीतनी है तो विराट कोहली को टीम हित में महेंद्र सिंह धोनी की तरह कड़े फैसले लेने होंगे।