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क्या न्यूजीलैंड खिलाड़ियों से दोस्ती पड़ी विराट कोहली को महंगी?

अब तो यह लगने लगा है कि केन विलियमसन की अगुवाई वाली टीम कोहली की शालीनता का खूब फायदा उठा रही है।

Written by: Lokesh Khera @lokeshkhera29
Published : February 25, 2020 18:35 IST
Virat Kohli Kane Williamson India Tour Of New Zealand 2020 Team India
Image Source : GETTY IMAGES Virat Kohli Kane Williamson India Tour Of New Zealand 2020 Team India

‘‘हम जानते हैं कि हमने अच्छा खेल नहीं दिखाया लेकिन अगर लोग इसका तिल का ताड़ बनाना चाहते हैं तो हम कुछ नहीं कर सकते क्योंकि हम ऐसा नहीं सोचते।’’ न्यूजीलैंड के खिलाफ पहला टेस्ट मैच हारने के बाद विराट कोहली के यह शब्द थे। 

आईसीसी टेस्ट रैंकिंग और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में टॉप पर मौजूद कोई टीम अगर इतने बड़े अंतर से हारती है तो उनकी आलोचना जायज है। अब कोई बड़ी टीम इतने बड़े अंतर से हारेगी तो फैन्स तो आलोचना करेंगे ही। ऐसे में कोहली का तिल का ताड़ बनाने वाली बात एकदम गलत है।

न्यूजीलैंड के दौरे पर ऐसा लग रहा है कि ये वो विराट कोहली नहीं है जो हमेशा भारत की जीत के बारे में सोचते थे। बल्कि यह वो विराट कोहली है जो बस वहां दोस्ती, दूसरी टीम के साथ अच्छे संबंध बनाने गए हैं।

कोहली का यह रवैया हमें न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 सीरीज से पहले और वनडे सीरीज के बाद भी दिखने को मिला था। कोहली से न्यूजीलैंड दौरे से पहले पूछा गया था कि क्या उनकी टीम न्यूजीलैं से वर्ल्ड कप की हार का बादला लेगी तो उन्होंने कहा था कि न्यूजीलैंड की टीम इतनी अच्छी है कि हम इनसे वर्ल्ड कप में मिली हार का बदला लेने के बारे में सोच भी नहीं सकते।

कोहली ने सीरीज से पहले प्रेस कांफ्रेंस में कहा था ‘‘आप बदले के बारे में सोचना भी चाहें तो ये इतने अच्छे लोग है कि आप वैसे सोच ही नहीं सकते। हमारी इनसे खूब छनती है और सिर्फ मैदान पर ही हम प्रतिस्पर्धी होते हैं। जैसा कि मैने इंग्लैंड में भी कहा था कि यह ऐसी टीम है जिसने दूसरों के सामने मिसाल रखी है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट कैसे खेलना चाहिये।’’

वहीं वनडे सीरीज में 3-0 से बुरी तरह मात खाने के बाद कोहली ने कहा था कि टेस्ट और टी 20 की तुलना में इस साल वनडे बहुत प्रासंगिक नहीं हैं।

कोहली ने न्यूजीलैंड के बारे में यह बात तो सही कही कि यह ऐसी टीम है जिसने दूसरों के सामने मिसाल रखी है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट कैसे खेलना चाहिये। लेकिन उन्होंने यह गलत कहा कि सिर्फ मैदान पर ही हम (भारत बनाम न्यूजीलैंड) प्रतिस्पर्धी होते हैं।

वनडे सीरीज और पहले टेस्ट में एक बार भी नहीं दिखा जब विराट कोहली की टोली ने मेजबानों को टक्कर दी हो या फिर जीत के लिए वो लड़े हो। अब तो यह लगने लगा है कि केन विलियमसन की अगुवाई वाली न्यूजीलैंड टीम कोहली की शालीनता का खूब फायदा उठा रही है।

वहीं जब टीम इंडिया न्यूजीलैंड में भारतीय दूतावास का दौरा करने कई थी तो विराट कोहली ने यह तक कह दिया था कि अगर वो टेस्ट चैंपियनशिप किसी टीम के साथ साझा करना चाहेंगे तो वो न्यूजीलैंड की टीम होगी।

विराट कोहली के ये बेतुके बयान उन्हें शोभा नहीं देते। कोहली को अब यह समझने की जरूरत है कि मैदान के बाहर खिलाड़ियों के बीच दोस्ती अच्छी लगती है, लेकिन जब आप मैदान पर उतरते हैं तो वो आपके प्रतिद्वंदी के अलावा और कुछ नहीं है। हर मैच में आपके अंदर यही धारणा होनी चाहिए कि आपको उन्हें हराना है और देश के लिए मैच जीतना है।

पहले टेस्ट में मिली करारी हार के बाद अब समय आ गया है कि विराट कोहली दोस्ती को मैदान के बाहर ही सीमित रखें और अपनी आक्रामक कप्तानी से टीम इंडिया को मैच जीतकर न्यूजीलैंड से हार का बदला ले। 

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