कहा जाता है कि जब समंदर में तूफान आता है तो काफी शांति छा जाती और इसके बाद जब सैलाब उठता है तो वह अपने रास्ते में आने वाली सभी चीजों बहा ले जाता है। बीते एक साल से टेस्ट क्रिकेट में ऐसा ही कुछ विराट कोहली के साथ देखने को मिला है। मौजूदा समय में विराट कोहली दुनिया के सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों में से माने जाते हैं और दुनिया का कोई भी ऐसा गेंदबाजी आक्रमण नहीं है जो उनका सामना करने से नहीं डरता हो लेकिन पिछले कुछ समय से टेस्ट क्रिकेट में उनका बल्ला खामोश रहा है।
भारत के लिए साल 2011 में टेस्ट में डेब्यू करने वाले विराट अबतक 87 मैच खेल चुके हैं। इस दौरान उन्होंने 53.41 की औसत से 7318 बनाए। वहीं इस फॉर्मेट में उनके 27 शतक और 23 अर्द्धशतक दर्ज है लेकिन पिछले साल 2020 में ऐसा पहली बार हुआ जब उनके बल्ले से एक भी शतक नहीं निकला।
ऐसे में आगमी 5 फरवरी से चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ शुरू हो रहे टेस्ट सीरीज में कोहली चाहेंगे की वह एक बार फिर से रनों का अंबार लगाकर कई सारे कीर्तिमान अपने नाम करें।
विराट कोहली का आखिरी टेस्ट शतक
बेशक साल 2020 में कोरोना के कारण बहुत कम प्रतिस्पर्धि क्रिकेट मैच खेले गए हों लेकिन विराट कोहली एक ऐसे खिलाड़ी हैं जो एक बार मैदान पर उतर गए तो उनके बल्ले से रन जरूर बनता है। सिर्फ रन ही नहीं वह बड़ी पारी खेलने में विश्वास करते हैं।
कोहली कब 50 से 100 रन बना लेते हैं यह विरोधी टीम को अचंभित कर जाता है लेकिन 2020 में विराट का बल्ला खामोश ही रहा और वह एक भी शतक नहीं बना पाए।
पिछले साल कोहली सिर्फ तीन टेस्ट मैच खेलने मैदान पर उतरे। इसमें उन्होंने 19.33 की औसत सिर्फ 116 रन बनाए। इस दौरान उनका सर्वोच्च स्कोर 74 रन का रहा।
इन तीन मैचों में से विराट ने दो न्यूजीलैंड के खिलाफ जबकि एक मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलने मैदान पर उतरे थे।
ऐसे में देखा जाए तो विराट कोहली ने टेस्ट में अपना आखिरी शतक नवंबर, साल 2019 में बांग्लादेश के खिलाफ लगाया था। इस तरह बिना शतक लगाए उन्हें करीब 14 महीने बीत चुके हैं।
घरेलू मैदान पर विराट को भाता है इंग्लैंड
इंग्लैंड की टीम भारत के खिलाफ चार टेस्ट मैचों की सीरीज खेलेगी। हाल ही में मेहमान टीम श्रीलंका का दौरा कर के आई है और वहां पर उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया है लेकिन भारत ने भी ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में टेस्ट सीरीज में 2-1 से मात दी है और उसका आत्मविश्वास भी सातवें आसमान पर है।
ऐसे में दोनों ही टीमों के हौंसले बुलंद है। वहीं मेहमान टीम के सामने सबसे बड़ी चुनौती टीम इंडिया के मजबूत बल्लेबाजी क्रम को भेदना की है। खास तौर से कप्तान विराट कोहली का डर उनमें सबसे अधिक है। इसके पीछे का कारण है कि विराट को घरेलू सरजमीं पर इंग्लैंड के खिलाफ रन बनाना खूब भाता है।
विराट भारत में इंग्लैंड के खिलाफ अबतक 9 टेस्ट मैच खेल चुके हैं। इस दौरान ने उनका बल्लेबाजी औसत 70.25 का रहा और 843 रन बनाए। वहीं विराट ने 235 रनों के सर्वोच्च स्कोर के साथ तीन शतक भी लगाए हैं।
ऐसे में विराट कोहली के इन आंकड़ों को देखकर निश्चित रूप से मेहमान इंग्लैंड के पसीने छूट रहे होंगे। क्योंकि कहा जाता है कि जब बल्लेबाज आउट ऑफ फॉर्म हो तो उसे पाने के लिए घरेलू मैदान पर से बेहतर कुछ नहीं होता है।
कप्तान के तौर टेस्ट में बेस्ट बन सकते हैं विराट
इंग्लैंड के खिलाफ विराट कोहली के पास मौका है कि कप्तान के तौर पर अपने घर में टेस्ट क्रिकेट में रिकी पोंटिंग के सबसे अधिक शतकों के रिकॉर्ड को तोड़ दें। पोंटिंग इस फॉर्मेट में कप्तानी करते हुए अपनी घरेलू सरजमीं पर 39 टेस्ट मैचों में कुल 11 शतक लगाए हैं।
वहीं कोहली ने भारतीय सरजमीं पर अबतक कुल 26 टेस्ट मैचों में कप्तानी की है, जिसमें उनके नाम 10 शतक दर्ज है। ऐसे में कोहली इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में दो शतक जामा देते हैं तो उनके नाम यह विश्व रिकॉर्ड दर्ज हो जाएगा।
इसके अलावा कोहली इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सरजमीं पर एक बार फिर से अपनी लय में रहते हैं तो वह पूर्व दिग्गज सुनील गावस्कर के एक बड़े रिकॉर्ड को भी ध्वस्त कर सकते हैं। कोहली अगर इस सीरीज में 489 रन बनाते हैं तो वह इंग्लैंड के खिलाफ अपने घर में सबसे अधिक रन बनाने वाले भारतीय बल्लेबाज बन जाएंगे।
इससे पहले कोहली इंग्लैंड के खिलाफ अपने घर में धमाल मचा चुके हैं जब साल 2016-17 में उन्होंने पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में 655 रन बनाए थे। इस दौरन उनका औसत 100 से भी उपर का था। इस सीरीज में कोहली के बल्ले से कुल दो शतक निकला था।