नई दिल्ली| वर्तमान में टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली हर मैच में अपनी टीम को किसी न किसी तरह से जीताने के लिए प्रयासरत रहते हैं। जिसके चलते उन्होंने कई मैच अपने दम पर टीम इंडिया को जीताए हैं। ऐसे में कोहली के अंदर ये जीत की भूख आज ने नहीं बल्कि बचपन से पैदा हुई थी जब वो टेलीविजन पर घर में मैच देखा करते और कहते थे कि शायद मैं होता तो मैच जीता देता। यही कारण है कि विराट कोहली आज दुनिया में महान बल्लेबाजों की श्रेणी में शुमार है। इस तरह अपनी कबिलियत के बारे में उन्होंने कहा है कि बतौर बल्लेबाज मुझे मेरी ताकत पर काफी विश्वास रहता है जिसके चलते वो इतने सफल बन पाए हैं।
कोहली ने बांग्लादेश के बल्लेबाज तमीम इकबाल के साथ फेसबुक लाइव पर कहा, "ईमानदारी से कहूं तो मैंने कभी अपने आप पर शक नहीं किया। हर इंसान में कमजोर और ताकतवर पहलू होते हैं। दौरे पर जब आपका नेट सेशन अच्छा न रहा हो तो आप सोचते हो कि आप लय में नहीं हो।"
उन्होंने कहा, "हां शक होता है और यह आपके दिमाग में चलता रहता है। इससे निकलने का रास्ता सिर्फ यही है कि आप तब तक लगातार मेहनत करते रहो जब आपको यह न लगने लगे कि यह सिर्फ एक रुकावट थी। अगर मुझे लगता है कि मैं अच्छा हूं तो हूं।"
31 साल के इस खिलाड़ी ने कहा, "मैच में जो स्थिति होती है उसकी सबसे अच्छी बात यह है कि आपको ज्यादा सोचना नहीं होता। आप अपना रोल जानते हुए इस पर प्रतिक्रिया देते हो। नकारात्मक आवाजें हमेशा मैदान के बाहर आती हैं जब आप लड़ने वाली स्थिति में नहीं होते हो।"
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बता दें कि कोहली ने अपनी कप्तानी में टीम इंडिया को पहली बार साल 2019 में ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर जीत दिलाई। इससे पहले आज तक भारत ने ऑस्ट्रेलिया को टेस्ट क्रिकेट में उसके घर में नहीं हराया था। उनकी काबिलियत के दमपर ही टीम इंडिया इतनी मजबूत पर प्रबल दावेदार बनकर उभरी हुई हैं। हलांकि कोहली को अपने करियर में अभी तक बतौर कप्तान किसी भी आईसीसी टूर्नामेंट में जीत नहीं मिली है। जिसका उन्हें भी मलाल है और इसमें जीत का परचम लहराने के लिए वो लगातार प्रयासरत भी है।