किसी भी खिलाड़ी की महानता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उससे कितने किस्से जुड़े हैं। भारतीय क्रिकेट टीम के मौजूदा कप्तान विराट कोहली भी महान बनने की इसी राह पर अग्रसर हैं क्योंकि उनका करियर किस्सों और कहानी ही नहीं बल्कि कई बड़े रिकॉर्डों से भरा हुआ है। विराट क्रिकेट की हर कहानी में नायक के रुप में बिल्कुल फिट बैठते हैं। फिर चाहे वो खिलाड़ी की भूमिका हो या फिर कप्तान की। साल 2008 में महज 19 साल की उम्र में टीम इंडिया के लिए डेब्यू करने वाले विराट ने इतने कम समय में क्रिकेट की उन ऊचाईयों को छू लिया है जो पूरे करियर में भी कई क्रिकेटर हासिल नहीं कर पाते हैं। ऐसे ही विराट खिलाड़ी और भारतीय कप्तान कोहली का आज 31वां जन्मदिन है।
क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में 50 से ज्यादा का औसत रखने वाले विराट 'विरले' खिलाड़ी हैं। विराट को टीम इंडिया की ओर से खेलते हुए 11 साल से ज्यादा का समय बीत चुका है। इस दौरान विराट ने खेल के साथ-साथ फिटनेस में भी नए आयाम स्थापित किए हैं। यही वजह है कि युवा खिलाड़ियों के लिए विराट एक जीते-जागते नजीर बन चुके हैं।
क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर के नक्शेकदम पर तेजी से चलते हुए विराट क्रिकेट में उस मुकाम पर पहुंच चुके हैं जहां से हर बड़ा रिकॉर्ड भी बहुत छोटा नजर आता है। ये विराट के शानदार खेल का ही नतीजा है कि विरोधी भी उनकी तारीफ में कसीदें पढ़ते हैं।
विराट ने जब इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखा था तब किसी ने नहीं सोचा था कि वो कुछ ही सालों में क्रिकेट की दुनिया में छा जाएंगे। 'रन मशीन' और 'चेस मास्टर' के नाम से मशहूर कोहली वनडे में अभी तक 239 मैचों में 60.31 की बेहतरीन औसत से 11,520 रन बना चुके हैं। मौजूदा समय में गेल को छोड़कर कोई भी खिलाड़ी वनडे में उनके आसपास भी नहीं है।
यही नहीं विराट वनडे में सबसे ज्यादा शतक के सचिन के रिकॉर्ड के काफी करीब हैं। वनडे में कोहली के बल्ले से अब तक कुल 43 शतक निकल चुके हैं और सचिन के सबसे ज्यादा शतक के रिकॉर्ड से वह महज 7 कदम दूर हैं।
विराट के रनों की रफ्तार का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारतीय कप्तान ने वनडे में लगातार 3 साल (2016, 2017 और 2018) 1000 से ज्यारा रन अपने खाते में जोड़े हैं। इन 3 सालों में विराट ने टेस्ट में भी यही कारनामा किया है।
साल 2019 में भी कोहली महज 6 टेस्ट मैच में 476 रन जड़े चुके हैं। इस दौरान उनके बल्ले से 1 दोहरा शतक भी निकल चुका हैं। टेस्ट में विराट 82 टेस्ट मैचों में 54.77 की औसत से 7066 रन बना चुके हैं। इसमें 26 शतक और 22 अर्धशतक शामिल है।
एक तरफ जहां विराट बतौर खिलाड़ी क्रिकेट के हर फॉर्मेट में रनों का अंबार लगा रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर बतौर कप्तान भी वह सफलता के झंडे गाड़ रहे हैं। हाल ही में भारतीय टीम ने विराट की कप्तानी में साउथ अफ्रीका का टेस्ट सीरीज में 3-0 से सूपड़ा साफ किया।
ये पहली बार था जब भारत ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ क्लीन स्वीप किया। ये सीरीज के जीतने के साथ ही कप्तान विराट कोहली ने घर में लगातार 11 टेस्ट सीरीज जीतने का नया वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किया। साथ ही 3-0 से तीन टेस्ट सीरीज जीतने वाले दुनिया के चौथे कप्तान बनने का गौरव हासिल किया।
इस सीरीज के दौरान विराट ने बतौर कप्तान सबसे ज्यादा 19 टेस्ट शतक लगाने के रिकी पॉन्टिंग के रिकॉर्ड की बराबरी की और 7 दोहरे शतक लगाने वाले पहले भारतीय भी बने। इस प्रदर्शन से साफ जाहिर होता है कि विराट बतौर खिलाड़ी ही नहीं बल्कि बतौर कप्तान भी हिट हैं।
वैसे तो क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में विराट का बल्ला आग उगल रहा हैं, लेकिन बतौर कप्तान उनके लिए आईसीसी ट्रॉफी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। आईसीसी वर्ल्ड कप 2019 में सेमीफाइनल से बाहर होने के बाद अब उनकी नजरें साल 2020 में ऑस्ट्रेलिया में होने वाले T20I वर्ल्ड कप पर टिकी है। ऐसे में भारतीय फैंस उम्मीद कर रहे हैं कि इस टूर्नामेंट के जरिए विराट आईसीसी ट्रॉफी के सूखे को खत्म कर धोनी और कपिल देव जैसे दिग्गज कप्तानों के क्लब में खुद को शामिल करेंगे।