पिछले साल इंग्लैंड में खेले गए विश्व कप में भारतीय टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले में हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गई थी। भारतीय टीम ने इस पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया था लेकिन इस बीच टीम के कई खिलाड़ी चोटिल भी हुए थे। टूर्नामेंट के आगाज में ही धमाकेदार अंदाज में शुरुआत करने वाले ओपनर बल्लेबाज शिखर चोटिल होकर स्वेदश वापस लौट गए थे।
इस बीच धवन की जगह टीम इंडिया के प्लेइंग इलेवन में ऑलराउंडर विजय शंकर को शामिल किया गया। हालांकि विश्व कप टीम में शंकर को शामिल के जाने के फैसले से विशेषज्ञ और कुछ एक खिलाड़ी सहमत नहीं थे लेकिन इन सब विवादों के बीच शंकर को विश्व कप टीम में शामिल कर लिया गया था और पाकिस्तान के खिलाफ बड़े मुकाबले में उन्होंने आईसीसी के इस टूर्नामेंट में अपना डेब्यू किया।
पाकिस्तान के खिलाफ विजय शंकर बल्लेबाजी के दौरान सिर्फ 15 रनों का योगदान दे पाए थे लेकिन गेंदबाजी में वे भारतीय टीम के महत्वपूर्ण साबित हुए। दरअसल टीम के मुख्य तेज गेंदबाज भुवनेश्व कुमार अपने स्पेल के तीसरे ही ओवर में चोटिल होकर पवेलियन लौट गए थे। भुवी के तीसरे ओवर को पूरा होने में दो गेंद अभी शेष थे ऐसे में कप्तान विराट कोहली ने विजय शंकर से इस ओवर पूरा करने की जिम्मेदारी दी।
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मध्यम गति के इस तेज गेंदबाज ने पाकिस्तान के ओपनर बल्लेबाज इमाम उल हक के खिलाफ हाफ वॉली गेंद किया। इमाम शंकर पर शुरू से ही प्रहार करने की योजना में थे लेकिन वह गेंद को समझ नहीं पाए और सीधे पैड पर जाकर लगी।
इसी बीच भारतीय खिलाड़ियों ने जोरदार अपील की और अंपयार ने एलबीडबल्यू के लिए अपनी उंगली हवा में उठा दिया।
'द न्यू इंडियन एक्सप्रेस' अपने इस शानदार डेब्यू को याद करते हुए शंकर ने कहा, ''भुवी के उस दो गेंद ने मेरे विश्व कप डेब्यू को शानदार बना दिया। यह सब कुछ बहुत तेजी में हुआ। हालांकि कप्तान आपको पहले से हर परिस्थिति के लिए तैयार रहने को कहता है लेकिन कभी-कभी गेंदबाज अचानक से चोटिल हो जाते हैं। ऐसे में दूसरे गेंदबाज को हमेशा तैयार रहना होता है। उस मैच में भी ऐसा ही हुआ। मैं पॉइंट पर खड़ा था इस बीच भुवी चोटिल होकर पवेलियन लौटने गले तभी कप्तान ने उनके उस ओवर को पूरा करने के लिए गेंद मुझे थमा दिया। इसके बाद मेरे दिमाग में बस यही था कि बस मैं गेंद को बिल्कुल सही जगह डालूं।''
हालांकि शंकर को भारतीय टीम में तीन मैचों के बाद मौका मिला था। धवन के चोटिल होने के बाद केएल राहुल को नंबर चार से ओपनिंग करने के लिए भेजा गया। इसके बाद शंकर को टीम में नंबर चार की जगह पर एक ऑलराउंडर के तौर उन्हें शामिल किया।
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शंकर ने कहा, ''मैं जब टीम में शामिल हुआ था तो मुझे पता था कि अगर जल्दी विकेट गिरता है तो मुझे नंबर चार पर ही खेलना है। वहीं अगर ऐसा नहीं होता है तो मेरी बल्लेबाजी के क्रम में बदलाव हो सकता है। यह बात मुझे अच्छे से पता था।
हालांकि विश्व कप के बाद के शंकर को भारतीय टीम में खेलने का मौका नहीं मिला है। इस बीच वह न्यूजीलैंड दौरे पर इंडिया ए टीम में जरूर शामिल किए गए, जहां उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया।
उन्होंने कहा, ''मैं टीम में वापसी के लिए कड़ी मेहनत कर रहा हूं। मैंने इंडिया ए के लिए लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है। मैं भारत के लिए टेस्ट मैच खेलना चाहता हूं। यह मेरे लिए काफी शानदार होगा। मैं इसके लिए लगातार प्रयास कर रहा हूं।''