निदाहास ट्रॉफी के लिए हार्दिक पंड्या को भारतीय टीम से आराम दिया गया था और उनकी जगह विजय शंकर को टीम में शामिल किया गया है। शंकर ने जैसे ही भारतीय टीम में जगह बनाई वैसे ही उनकी तुलना हार्दिक पंड्या से की जाने लगी। कहा जाने लगा कि अगर शंकर अच्छा नहीं कर पाते तो उनके लिए दोबारा वापसी करना आसान नहीं रहेगा। सीरीज शुरू होने से पहले शंकर पर इसका दबाव भी था।
हालांकि अब शंकर ने इतना बेहतरीन प्रदर्शन किया कि उन्होंने पंड्या के लिए ही मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। शंकर ने डेब्यू के बाद सिर्फ दूसरे ही मैच में इतना शानदार प्रदर्शन किया कि उन्हें मैन ऑफ द मैच दे दिया गया। अब शंकर के इस प्रदर्शन के बाद पंड्या के लिए टीम में जगह बनाए रख पाना या वापसी कर पाना आसान नहीं रहेगा। अगर पंड्या वापसी कर भी लेते हैं तो भी उनपर लगातार अच्छे प्रदर्शन का दबाव होगा।
अभी तो सिर्फ निदाहास ट्रॉफी की शुरुआत हुई है और भारत को फाइनल से पहले 2 मैच और खेलने हैं। ऐसे में अगर शंकर इन मैचों में और अच्छा करते हैं तो फिर सेलेक्टर्स के लिए उन्हें बाहर करना मुश्किल रहने वाला है। आपको बता दें कि शंकर ने बांग्लादेश के खिलाफ अपने दूसरे मैच में 4 ओवरों में 3 रन देकर 2 विकेट लिए थे। शंकर को अब तक बल्लेबाजी का मौका नहीं मिल सका है।