विजय शंकर ने निदहास ट्रॉफ़ी के पहले मैच में श्रीलंका के ख़िलाफ़ भले ही सिर्फ़ दो ओवर डाले हों लेकिन उन्होंने सबको प्रभावित किया. शंकर जब 8वें ओवर में बॉलिंग करने आए तब कुशल परेरा ज़बरदस्त शॉट लगा रहे थे और वह 21 बॉलों पर 49 रन ठोक चुके थे. इसके बावजूद शंकर ने परेरा को चार बॉल फ़ेकी और मात्र दो रन दिए जबकि बाकी बॉलर्स की परेरा धुनाई लगा रहे थे.
इस मैच के प्रदर्शन से प्रभावित होकर टीम थिंक टैंक ने गुरुवार को बांग्लादेश के खिलाफ़ शंकर को फिर टीम रखा और शंकर ने भरोसे पर ख़रा उतरते हुए 32 रन देकर 2 विकेट लिए. उन्हें मैन ऑफ़ द मैच घोषित किया गया. ये मैच इंडिया छह विकेट से जीता.
27 साल के विजय शंकर को अच्छी तरह मालूम है कि जब सीनियर खिलाड़ी आएंगे तो उन्हें टीम में जगह नहीं निलेगी. इसीलिए वो मिल रहे मौक़े का पूरा फ़ायदा उठाना चाहते हैं.
मैच के बाद शकंर ने कहा, "मैं रोज़ क्या करता हूं वो मेरे लिए महत्वपूर्ण है. दबाव और... हार्दिक पंड्या के साथ तुलना...मुझे लगता है कि ज़्यादातर खिलाड़ी तुलना करना पसंद नहीं करते. ख़ुद पर दबाव डालने से महत्वपूर्ण है जो आपके पास है उसे दिखाना."
तमिलनाडु के 27 वर्षीय ऑलराउंडर शंकर साल दर साल बेहतरीन पर्दर्शन करते हुए सीनियर टीम में प्रवेश किया है. जब हार्दक पंड्या को ट्राइ सिरीज़ के लिए आराम दिया गया तो विजय शंकर का ही नाम आया. विजय उन छह खिलाड़ियों में है जिन्होंने 1500 रन बनाए हैं और 25 विकेट लिए हैं. विजय को सबसे पहले पिछले साल श्रीलंका के ख़िलाफ़ अंतिम दो टेस्ट मैच के लिए भुवनेश्वर की जगह टीम में रखा गया था हालंकि उन्हें खेलने का मौक़ा नहीं मिला.