भारत और श्रीलंका के बीच पहले टेस्ट मैच के तीसरे दिन शनिवार को श्रीलंका के कप्तान दिनेश चंडीमल ने फ़ेक फ़ील्डिंग की थी जिसे टीवी स्क्रीन पर साफ़ देखा जा सकता था लेकिन भारत को पेनल्ती के पांच रन नहीं मिले. दरअसल अंपायर उनकी ग़लती को पकड़ ही नही पाए.
आपको बता दें कि आईसीसी ने 1 अक्टूबर से क्रिकेट में कुछ नए नियम जोड़े थे. इन नियमों में सबसे प्रमुख नियम है फेक फील्डिंग का. इस नियम पर काफी विवाद था. इसमें साफ कहा गया था कि जो भी खिलाड़ी फेक फील्डिंग करता हुआ पकड़ा जाएगा, उसकी टीम के खाते से पांच रन काट लिए जाएंगे. क्रिकेट के कई दिग्गजों ने इस नियम का हवाला देते हुए इसकी आलोचना की थी. खासकर इस नियम को विकेटकीपर के लिए बहुत ही गलत बताया गया था, क्योंकि विकेटकीपर को तेज़ी से गेंद पकड़ कर अपने हाथ स्टंप की ओर ले जाने होते हैं. ऐसे में कई बार बॉल हाथ में न होते हुए भी उसी अंदाज में घूमते हैं.
श्रीलंकाई कप्तान दिनेश चंडीमल फ़ेक फील्डिंग का पहला शिकार हो सकते थे लेकिन उन्हें इसका दोषी माना ही नहीं गया. भारत-श्रीलंका के बीच पहले टेस्ट मैच के तीसरे दिन जब भारत बल्लेबाजी कर रहा था. 53वां ओवर चल रहा था. इसी ओवर में श्रीलंकाई कप्तान फेक फील्डिंग करते हुए पकड़े गए, लेकिन उन पर पेनाल्टी नहीं लगाई गई. अंपायर श्रीलंकाई खिलाड़ी की इस गलती को पकड़ ही नहीं पाए नहीं तो भारत को पांच रन का फायदा मिलता. इस लो स्कोरिंग मैच में ये पांच रन काफी भारी पड़ सकते हैं.
53वें ओवर की चौथी बॉल शनाका ने भुवनेश्वर कुमार को डाली. भुवी ने इसे बैक फुट पर जाकर खेला. श्रीलंकाई कप्तान चंडीमल इसके पीछे दौड़े. उन्होंने उसे फिसलकर रोकने की कोशिश की. चंडीमल ने बॉल उठाकर थ्रो करने की कोशिश की, लेकिन बॉल उनके हाथ में नहीं आया. लेकिन उन्होंने थ्रो कर दिया. नए नियम के मुताबिक ये फेक फील्डिंग की श्रेणी में आता है. टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने भी इसे देख लिया, लेकिन मैदान पर मौजूद दोनों अंपायरों के बीच इस पर कोई चर्चा नहीं हुई इसे आसानी से पकड़ा जा सकता था, लेकिन चंडीमल इससे बच गए.
अगर चंडीमल पकड़े जाते तो वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ऐसे पहले खिलाड़ी होती, जो फेक फील्डिंग के मामले में पेनलाइज्ड किए जाते. ऑस्ट्रेलिया के घरेलू क्रिकेट में इस मामले में खिलाड़ी पर जुर्माना लगाया जा चुका है.