नई दिल्ली: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच कोलकाता में खेले गए सिरीज़ के दूसरे वनडे मैच में हार्दिक पंड्या को नॉट आउट दिए जाने पर जमकर बवाल हुआ। जी हां भारतीय पारी के 48वें ओवर में जब केन रिचर्डसन की फुलटॉस बॉल पर पंड्या स्टीव स्मिथ को कैच थमा बैठे तो वो खुद को आउट समझकर पवेलियन की ओर जाने लगे। लेकिन तभी अंपायर ने उन्हें रोक दिया क्योंकि रिचर्ड्सन की उस बॉल को अंपायर ने नो बॉल करार दिया। तब ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ को लगा कि पंड्या को रन आउट किया जा सकता है और उन्होंने गेंद केन रिचर्डसन की तरफ फेंक दी जिन्होंने गिल्लियां गिरा दी। इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने रन आउट के लिए अपील की लेकिन अंपायरों ने कुछ देर तक विचार विमर्श करने के बाद नियम 27.7 के तहत फैसला पंड्या के हक में किया।
क्या है नियम 27.7 ?
नियम 27.7 के अनुसार, "बल्लेबाज गलतफहमी में अपनी क्रीज छोड़ता है और अंपायर को अगर लगता है कि बल्लेबाज ने गलतफहमी में विकेट छोड़ा तो वह उसे नॉटआउट दे सकता है। अंपायर बीच में अपनी बात रखेगा और गेंद को 'डेड बॉल' करार देगा, इसके बाद अंपायर बल्लेबाज़ को वापस बुलाएगा।" इसी वजह से रिचर्ड्सन की पंड्या को रनआउट करने की कोशिश नाकाम रही।
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