पिछले कुछ सालों में राजनीतिक कारणों से भारत और पाकिस्तान के बीच बायलेटरल सीरीज नहीं खेली गई है। हालांकि दोनों टीमें इस बीच आईसीसी टूर्नामेंट के मुकाबलों में एक दूसरे भिड़ते रहे हैं। दोनों टीमों के बीच एक ऐसा ही मैच साल 2007 में खेला गया था। यह मैच आईसीसी के पहले टी-20 विश्व कप में साउथ अफ्रीका के डरबन में खेला गया था।
भारत और पाकिस्तान के बीच टूर्नामेंट का यह 10वां मैच था लेकिन आखिर में मुकाबला टाई हो गया और नतीजा बॉल आउट के माध्यम से निकला दरअसल टी-20 क्रिकेट के शुरुआती दौर में मैच टाई होने पर नतीजा बॉल आउट के माध्यम से निकाला जाता था। इसके तहत दोनों टीमों की तरफ से तीन-तीन गेंद फेंकी जाती थी और गेंद विकेट से लगने पर एक उसे एक अंक दिया था। ऐसे में जो टीम इस दौरान सबसे अधिक बार गेंद से विकेट को हिट करने में सफल रहती वह विजेता मानी जाती थी।
टी-20 विश्व कप के इस रोमांचक मुकाबले को याद करते हुए उस टूर्मामेंट में भारतीय टीम के सदस्य रहे रॉबिन उथप्पा न्यूजीलैंड के ईश सोढी के साथ राजस्थान रॉयल्स के पॉकास्ट में बताया कि कैसे टीम के कप्तान के महेंद्र सिंह की चालाकी से भारत ने पाकिस्तान को बॉल आउट में 3-0 से हराया था।
यह भी पढ़ें- सुरक्षा नियमों को लेकर जटिलताओं के कारण टली इंग्लैंड के गेंदबाजों की ट्रेनिंग
उथप्पा ने कहा, ''जब मैच टाई हुआ तो हम बॉल आउट के लिए मैदान पर आए। यह हमारे लिए भी नया था लेकिन कप्तान धोनी की चालाकी से भारतीय गेंदबाजों ने तीनों ही गेंद विकेट पर मारी जबकि पाकिस्तान का एक भी खिलाड़ी विकेट को हिट नहीं कर पाया था।''
उन्होंने कहा, ''बॉल आउट के दौरान धोनी विकेटकीपिंग कर रहे थे। इस दौरान वह विकेट के ठीक सीध में बैठ गए। इससे हुआ यह कि हमें विकेट पर निशाना लगाने में काफी आसानी हो गई थी और हमारे तरफ से तीनों ही गेंद विकेट पर जाकर लगी थी।''
यह भी पढ़ें- बीसीसीआई के फिलहाल नए मुख्य वित्तीय अधिकारी को नियुक्त करने की संभावना नहीं
बॉल आउट में भारत की तरफ से हरभजन सिंह, रॉबिन उथप्पा और वीरेंद्र सहवाग ने गेंदबाजी की थी जबिक पाकिस्तान की तरफ उमर गुल, शाहिद अफरिदी और यासिर अराफात ने की थी जबकि उनकी तरफ से विकेटकीपिंक की जिम्मेदारी कमारन अकमल की थी।
विकेटकीपिंग के दौरान एक तरफ जहां धोनी ने सूझ-बूझ से काम लिया था, वहीं अकमल खड़े होकर गेंद पकड़ रहे थे जिससे पाकिस्तानी खिलाड़ी ठीक से निशाना नहीं लगा पाए थे।
आपको बता दें कि कुछ सालों बाद बॉलआउट के इस नियम को बदलकर इसकी जगह सुपर ओवर का प्रावधान लाया गया जिसमें मैच टाई होने के बाद दोनों टीमें एक-एक ओवर की बल्लेबाजी करती हैं और उसके बाद नतीजा निकाला जाता था।
आईसीसी टी-20 विश्व कप के इस मैच में भारतीय टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारिक 20 ओवर में 9 विकेट पर 141 रनों का स्कोर खड़ा किया था। भारत के इस स्कोर के जवाब में पाकिस्तान की टीम 20 ओवर में 7 विकेट के नुकसान पर 141 रन ही बना पाई थी।