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लंबे समय तक बायो बबल में रहने से हो सकती है मानसिक बीमारी : पैडी अपटन

पैडी अपटन ने विश्व के क्रिकेट संघों से विस्तृत अध्ययन करके लंबे समय तक जैव सुरक्षित वातावरण (बायो बबल) में रहने के कारण खिलाड़ियों को मानसिक बीमारियों से बचाने की अपील की।

Reported by: Bhasha
Published on: January 29, 2021 18:04 IST
लंबे समय तक बायो बबल...- India TV Hindi
Image Source : GETTY लंबे समय तक बायो बबल में रहने से हो सकती है मानसिक बीमारी : पैडी अपटन

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व मानसिक अनुकूलन कोच पैडी अपटन ने बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) सहित विश्व के क्रिकेट संघों से विस्तृत अध्ययन करके लंबे समय तक जैव सुरक्षित वातावरण (बायो बबल) में रहने के कारण खिलाड़ियों को मानसिक बीमारियों से बचाने की अपील की।

कोविड-19 महामारी के बावजूद खेल प्रतियोगिताएं शुरू होने के बाद से ही अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को जैव सुरक्षित वातावरण में रहना पड़ रहा है तथा कई क्रिकेटर, फुटबॉलर और टेनिस खिलाड़ी मानसिक स्वास्थ्य की बात कर चुके हैं। अपटन ने कहा कि शीर्ष खेल संघ इस मसले से निबटने के लिये पर्याप्त प्रयास नहीं कर रहे हैं।

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उन्होंने कहा, ‘‘सभी खिलाड़ियों के लिये यह एक समान चुनौती है और चूंकि हमने विभिन्न खिलाड़ियों से फीडबैक लेने के लिये पर्याप्त शोध नहीं किया है इसलिए चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े सभी लोग कह रहे हैं कि जब तक हम परीक्षण नहीं करते तब तक हम अमुक दवाई को मंजूरी नहीं दे सकते तो क्या हमने शोध किया है।’’ अपटन ने कहा, ‘‘विश्व में कई बायो बबल तैयार किये हैं लेकिन मैंने बड़े स्तर पर ऐसा कुछ नहीं देखा जिसमें आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद), बैडमिंटन या फुटबॉल से जुड़े लोगों या बीसीसीआई के पदाधिकारियों ने इससे पड़ने वाले प्रभावों को समझने के लिये खिलाड़ियों से प्रतिक्रिया प्राप्त करके व्यापक अध्ययन करने की बात की हो।’’

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उन्होंने कहा,‘‘हमने अभी तक इसके कुप्रभाव नहीं देखे हैं लेकिन ऐसी संभावना है कि लगातार जैव सुरक्षित वातावरण में रहने के कारण हम अधिक मानसिक समस्याओं और बीमारियों का सामना करेंगे।’’ अपटन ने कहा कि इन समस्याओं में से कुछ का निदान संभव है लेकिन अभी इस दिशा में किसी तरह का प्रयास नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘ इनमें से कुछ का बचाव संभव है लेकिन हम इनके बचाव के लिये कुछ नहीं कर रहे है इसलिए हमें तब तक इंतजार करना होगा जब तक ऐसी समस्याएं सामने न आ जाएं और यह खिलाड़ियों के लिये दुर्भाग्यपूर्ण होगा।’’

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