रांची। रोहित शर्मा ने टेस्ट सलामी बल्लेबाज के रूप में अपनी शानदार फार्म जारी रखते हुए यहां श्रृंखला का तीसरा शतक जड़ा जिससे भारत ने खराब मौसम से प्रभावित तीसरे और अंतिम क्रिकेट टेस्ट के पहले दिन खराब शुरुआत से उबरते हुए तीन विकेट पर 224 रन बनाए।
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने टास जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया जिसके बाद कागिसो रबादा (54 रन पर दो विकेट) और एनरिच नोर्टजे (50 रन पर एक विकेट) ने 15.3 ओवर में मेजबान टीम का स्कोर तीन विकेट पर 39 रन कर दिया। रोहित (164 गेंद में नाबाद 117) और अजिंक्य रहाणे (135 गेंद में नाबाद 83) ने इसके बाद चौथे विकेट के लिए 185 रन की अटूट साझेदारी करके भारत की पारी को संवारा।
अंतिम सत्र में हालांकि खराब रोशनी और फिर बारिश के कारण सिर्फ छह ओवर का खेल हो पाया। अब तक अपनी पारी में 14 चौके और चार छक्के जड़ने वाले रोहित सुनील गावस्कर के बाद किसी श्रृंखला में दो से अधिक शतक जड़ने वाले पहले भारतीय सलामी बल्लेबाज बने। गावस्कर ने 1970 में यह उपलब्धि हासिल की थी। रोहित ने डेन पीट पर छक्के के साथ अपना छठा और श्रृंखला का तीसरा शतक पूरा किया।
सुबह के सत्र में जब रबादा तूफानी गेंदबाजी कर रहे थे तब इस सलामी बल्लेबाज ने सतर्कता बरती और फिर आकर्षक शाट खेले। उन्होंने पहले 23 रन 55 गेंद में बनाने के बाद अगले 75 रन 78 गेंद पर बनाए। रहाणे ने भी रोहित का शानदार साथ निभाते हुए सिर्फ 70 गेंद में 21वां अर्धशतक पूरा किया जो भारत में उनका सबसे तेज अर्धशतक है। सेनुरान मुथुस्वामी की जगह टीम में जगह बनाने वाले पीट को रोहित ने विशेष रूप से निशाना बनाया जिससे इस आफ स्पिनर ने छह ओवर में 43 रन लुटाए।
चोटिल केशव महाराज की जगह टीम में शामिल किए गए बायें हाथ के स्पिनर जार्ज लिंडे ने हालांकि एक छोर से कसी हुई गेंदबाजी की। रोहित और रहाणे के दबदबे का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पहले स्पैल में दो विकेट चटकाने वाले रबादा दूसरे स्पैल में काफी महंगे साबित हुए और उन्होंने चार ओवर में 30 रन खर्च कर दिए। रोहित को हालांकि शुरुआत में गेंदबाजों ने परेशान किया। वह सात रन के निजी स्कोर पर पगबाधा के फैसले के खिलाफ डीआरएस लेकर नाबाद रहने में सफल रहे। वह इसके बाद रन आउट से भी बचे जब जुबैर हमजा प्वाइंट से थ्रो पर विकेट गिराने में नाकाम रहे।
भारतीय सलामी बल्लेबाजों को शुरुआत में ही असमान उछाल का सामना करना पड़ा जिसका रबादा और लुंगी एनगिडी ने पूरा फायदा उठाते हुए मेहमान टीम को गेंदबाजी में श्रृंखला की अब तक की सर्वश्रेष्ठ शुरुआत दिलाई। रबादा ने अपने पहले स्पैल में सात ओवर में चार मेडन फेंकते हुए 15 रन देकर दो विकेट चटकाए। उन्होंने पहले घंटे में ही सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल (10) और चेतेश्वर पुजारा (00) को पवेलियन भेजा। रबादा ने अपने तीसरे ही ओवर में अग्रवाल को आउटस्विंगर पर तीसरी स्लिप में डीन एल्गर के हाथों कैच कराया।
रबादा ने अपने पांचवें ओवर में पुजारा को पगबाधा किया। मैदानी अंपायर रिचर्ड इलिंगवर्थ ने पगबाधा की उनकी अपील ठुकरा दी थी लेकिन डीआरएस का सहारा लेने पर फैसला दक्षिण अफ्रीका के पक्ष में गया। नोर्टजे ने इसके बाद कोहली को पगबाधा करके अपने करियर का पहला टेस्ट विकेट हासिल किया। कोहली ने अंपायर के फैसले के खिलाफ डीआरएस का सहारा लिया लेकिन ‘अंपायर काल’ आने के कारण उन्हें पवेलियन लौटना पड़ा।
पुणे में दूसरे टेस्ट में नाबाद दोहरा शतक जड़ने वाले कोहली ने 12 रन बनाए। रोहित और रहाणे ने इसके बाद पारी को संभाला। दोनों ने लंच तक दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों को और सफलता हासिल नहीं करने दी और भारत का स्कोर तीन विकेट पर 71 रन तक पहुंचाया। इससे पहले 30 साल के बायें हाथ के स्पिनर शाहबाज नदीम टेस्ट क्रिकेट में भारत का पदार्पण करने वाले 296वें खिलाड़ी बने।
चोटिल कुलदीप यादव की जगह टीम में शामिल किए जाने के 24 घंटे से भी कम समय में नदीम को टेस्ट पदार्पण का मौका मिला। दक्षिण अफ्रीका के कप्तान फाफ डु प्लेसिस ने भी 0-3 के क्लीनस्वीप से बचने की कवायद के तहत टीम में पांच बदलाव किए जिसमें चोटिल होने के कारण केशव महाराज और ऐडन मार्कराम टीम का हिस्सा नहीं बन पाए। टीम में एनगिडी, हमजा, हेनरिक क्लासेन, लिंडे और पीट को जगह मिली जबकि महाराज और मार्कराम के अलावा वर्नन फिलेंडर, थ्यूनिस डि ब्रून और मुथुस्वामी बाहर रहे।