सचिन तेंदुलकर के एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में दो नई गेंदों के इस्तेमाल को ‘तबाही का साधन’ कहने के बाद अब भारत के तेज गेंदबाज उमेश यादव ने भी इसकी निंदा करते हुए कहा कि इससे रिवर्स स्विंग की कला खत्म हो रही है और तेज गेंदबाजों को नुकसान पहुंच रहा है। आईसीसी ने 2011 में दो नई गेंदों के इस्तेमाल के नियम को लागू किया था। इसके बाद से बड़े स्कोर वाले मैचों की संख्या में इजाफा हुआ और हाल ही में इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 50 ओवर में विश्व रिकार्ड 481 रन बनाए।
उमेश ने कहा, ‘दो नई गेंदों के कारण तेज गेंदबाजों के लिए रनों पर अंकुश लगाना मुश्किल हो गया है। अगर एक ही गेंद होती है तो ये लगातार पुरानी होती रहती है और आप इसे रिवर्स स्विंग करा सकते हैं। दो गेंद के साथ रिवर्स स्विंग एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में अब बामुश्किल नजर आती है, ये तेज गेंदबाजों के लिए मुश्किल है विशेषकर तब जब वो सही लेंथ से गेंदबाजी नहीं कर पाएं या यॉर्कर सही नहीं फेंक पाएं तो।’ इस तेज गेंदबाज ने इंग्लैंड में दो नई गेंदों के इस्तेमाल के साथ गेंदबाजों के सामने आ रही दिक्कतों पर भी बात की। उन्होंने कहा, ‘अगर डेथ ओवरों में गेंद मूव नहीं कर रही है तो इस दबाव से निपटना काफी मुश्किल होता है विशेषकर जब विकेट सपाट हो।’
उमेश ने कहा, ‘आजकल हमने देखा है कि विकेट काफी सपाट होती है और इंग्लैंड में वो अब नियमित तौर पर इस तरह के विकेटों पर खेलते हैं। वो 480 रन बना रहे हैं तो निश्चित तौर पर गेंदबाजों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण स्थिति है।’ उन्होंने कहा, ‘हम इस चुनौती के लिए तैयार हैं क्योंकि हम अच्छी क्रिकेट खेल रहे हैं और हम इंग्लैंड में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश करेंगे।’ आपको बता दें कि हाल ही में सचिन तेंदुलकर ने कहा था कि वनडे क्रिकेट में दो नई गेंदों का इस्तेमाल तबाही की तरह है। सचिन ने ये बयान तब दिया था जब इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 481 रन बना डाले थे। वहीं, ब्रेट ली ने भी दो नई गेंदों को गेंदबाजों के खिलाफ करार दिया था।