पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज तनवीर अहमद का मानना है कि कई सारे विवाद और गंभीर आरोपों के बावजूद पीसीबी ने विकेटकीपर बल्लेबाज उमर अकमल के लिए काफी उदार रवैया अपनाया है। अकमल पर हाल ही में पीसीबी की एंटी करप्शन यूनिट ने उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं जिसके कारण उन्हें निलंबित कर दिया गया है।
तनवीर ने अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से बोर्ड के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, ''जब अकमल जब प्रदर्शन नहीं कर पा रहा था तब भी उसे टीम में लगातार मौका मिला इसके पीछे सिर्फ एक ही कारण था उसकी पहुंच। उस दौरान चैयरमैन और पीसीबी के अधिकारी कहां थे उन्होंने कुछ क्यों नहीं किया ? किसी नें चयनकर्ताओं से क्यों नहीं पूछा कि इतने सारे विवाद के बावजूद उसके लगातार मौके क्यों दिए जा रहा हैं।''
उन्होंने कहा, ''पीसीबी के चेयरमैन इस दौरान बदलते गए लेकिन उमर अकमल को लगातार टीम में मौका मिला। किसी ने यह सवाल नहीं उठाया कि अकमल को इतने सारे मौके दिए जाने के बाद भी टीम में उसे वापस क्यों लिया गया। मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि अकमल को अगर 6 महीने के लिए बैन भी कर दिया तब भी वह फिर से टीम में पास आ जाएगा। मैं चाहता हूं कि ऐसे अनुशासनहीन खिलाड़ियों को किसी भी परिस्थिति में टीम में शामिल नहीं किया जाना चाहिए।''
आपको बता दें कि उमर अकमल पर बुकी से मिलने और बात करने का आरोप लगा है। बुकी से मिलने के बाद अकमल ने इस बात की जानकारी बोर्ड को नहीं दी जिसके कारण एंटी करप्शन यूनिट ने पर उन पर आर्टिकल 2.4.4 का चार्ज लगाया है जिसमें बुकी से बात चीत या मिलने की जानकारी छिपाने का आरोप तय होता है।
इसके कारण ही अकमल को को पाकिस्तान सुपर लीग के शुरू होने से ठीक पहले उसके अपने फ्रेंचाइजी क्वेटा ग्लेडियेटर के लिए खेलने से बैन कर दिया गया था। अकमल पर लगे इस आरोप की जांच की जा रही है आरोप तय होने के बाद उनपर 6 महीने या लाइफ टाइम का बैन भी लगाया जा सकता है।
तनवीर ने कहा, ''बहुत सारे लोगों का मानना है कि उमर अकमल में प्रतिभा है मैं भी इस बात से सहमत हूं। मिस्बाह उल हक ने इसी कारण से पिछले साल उसे दूसरा मौका भी दिया लेकिन बावजूद इसके वह इस पर खड़े नहीं उतर पाए। मैं उन सभी चयनकर्ताओं से एक ही सवाल पूछना चाहता हूं कि 2009 में डेब्यू करने वाले इस खिलाड़ी में इतनी प्रतिभा होने के बावजूद वह टीम के लिए प्रदर्शन क्यों नहीं कर पा रहा है ? क्या चयनकर्ताओं ने उनके प्रतिभा के न्याय नहीं किया या वह खुद ?