यूएई के विकेटकीपर बल्लेबाज गुलाम शब्बीर पर सोमवार को सभी तरह के क्रिकेट से चार साल का प्रतिबंध लगाया गया। शब्बीर ने 2019 में नेपाल और जिंबाब्वे के खिलाफ सीरीज के दौरान अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की भ्रष्टाचार रोधी संहिता के छह नियमों के उल्लंघन की बात स्वीकार की है।
खेल की संचालन संस्था आईसीसी ने खुलासा किया है कि शब्बीर ने आचार संहिता के नियम 2.4.4, 2.4.5.2.4.6 और 2.4.7 का उल्लंघन किया है।
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शब्बीर नेपाल के खिलाफ जनवरी-फरवरी 2019 में हुई सीरीज के संदर्भ में एंटी करप्शन यूनिट (एसीयू) को भ्रष्टाचार में शामिल होने के लिए संपर्क किए जाने के प्रयासों की जानकारी देने में नाकाम रहे।
वह अप्रैल 2019 में जिंबाब्वे के खिलाफ सीरीज के दौरान भी भ्रष्टाचार में लिप्त होने के लिए संपर्क या आमंत्रण की पूर्ण जानकारी एसीयू को देने में नाकाम रहे। उन्होंने जिंबाब्वे के खिलाफ सीरीज के संदर्भ में भ्रष्टाचार को लेकर टीम के एक अन्य साथी से संपर्क किए जाने का खुलासा भी नहीं किया और उन तथ्यों तथा घटनाओं को छिपाया जिनकी उन्हें जानकारी थी और जो अन्य प्रतिभागियों के भ्रष्ट आचरण की साक्ष्य बनती।
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नियम 2.4.6 के तहत वह एसीयू की जांच में सहयोग करने में विफल रहे क्योंकि उन्होंने आग्रह किए जाने पर अपने सभी मोबाइल जांच के लिए नहीं सौंपे। साथ ही एसीयू ने जो दस्तावेज मांगे वह भी उन्होंने नहीं दिए।
साथ ही उन्होंने वह सूचना छिपाकर एसीयू की जांच में बाधा पहुंचाई जो जांच में उपयोगी हो सकती थी (2.4.7)। शब्बीर पर लगा प्रतिबंध 20 अगस्त 2025 तक प्रभावी होगा।
आईसीसी की ‘इंटीग्रिटी यूनिट’ के महाप्रबंधक एलेक्स मार्शल ने कहा, ‘‘शब्बीर ने यूएई के लिए 40 मैच खेले और उम्मीद की जाती है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर होने के नाते उसे अपनी जिम्मेदारियां पता थी।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘उसने साथ ही कम से कम भ्रष्टाचार रोधी तीन शैक्षिक सत्र में हिस्सा लिया जिसमें खिलाड़ियों को भ्रष्ट संपर्क की जानकारी देने की उनकी जिम्मेदारी के बारे में बताया गया।’’
अलार्डिस ने कहा, ‘‘यह निराशाजनक है कि उसने किसी भी संपर्क की जानकारी नहीं दी। हालांकि पूछताछ करने पर उसने सहयोग किया और उसे पछतावा था, यह उचित होगा कि उसे प्रतिबंधित किया जाए जिससे कि अन्य खिलाड़ियों और संभावित भ्रष्टाचारियों को कड़ा संदेश जाए। ’’