रविवार को भारतीय चयनकर्ताओं ने वेस्टइंडीज सीरीज के लिए टीम इंडिया का ऐलान कर दिया। सलामी बल्लेबाज शिखर धवन के अंगूठे में फ्रेक्चर से उबरने के बाद भारत की सीमित ओवरों की टीम में उनकी वापसी हुई है। इसके अलावा तीनों प्रारूपों की टीम में ऋषभ पंत को जगह देकर महेंद्र सिंह धोनी के विकल्प पर काम करने के संकेत दिए गए हैं। अपने शानदार करियर के अंतिम चरण पर चल रहे पूर्व भारतीय कप्तान धोनी ने वेस्टइंडीज दौरे के लिए खुद को ‘अनुपलब्ध’ रखा है लेकिन तुरंत संन्यास लेने की संभावना से इनकार किया है। हालांकि धोनी टीम से ‘अनुपलब्ध’ इसलिए रहेंगे क्योंकि वे प्रादेशिक सेना की पैराशूट रेजिमेंट में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर तैनात हैं और अभी वे दो महीने के लिए पैराशूट रेजिमेंट के साथ ट्रेनिंग करेंगे। जिसके लिए उन्हें सेना प्रमुख विपिन रावत से इजाजत भी मिल गई है।
लेकिन अब बड़ा सवाल उठता है कि क्या धोनी वापस टीम में आएंगे? क्या बिना घरेलू क्रिकेट खेले धोनी अपनी खराब फॉर्म से उबरते हुए टीम इंडिया में जगह बना पाएंगे? रविवार को विंडीज दौरे के लिए टीम का ऐलान करते वक्त मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने एक बात साफ कर दी कि अब वे युवा बल्लेबाज ऋषभ पंत को निखरने का मौका देना चाहते हैं। याद हो तो टीम मैनेजमेंट ने वर्ल्ड कप 2019 से पहले साफ कहा था कि धोनी उनके प्लान का हिस्सा हैं लेकिन अब अगले साल 2020 में होने वाले टी20 वर्ल्ड कप से पहले मैनेजमेंट ऋषभ पंत को निखारने में लगा है।
विंडीज दौरे के बाद भारत का घरेलू सीजन शुरू होगा जहां पहले दक्षिण अफ्रीका की टीम भारत दौरे पर आएगी। जहां धोनी ने अभी संन्यास नहीं लिया है तो ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि धोनी को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज में खेलने का मौका मिल जाए! लेकिन एमएस धोनी का अपने संन्यास को लेकर कुछ भी स्पष्ट न करना कई सवाल भी खड़े करता है। दरअसल मैनजमेंट अब युवा विकल्पों की तरफ देख रहा है। और ऐसे में अगर धोनी संन्यास नहीं लेते हैं तो मैनेजमेंट के लिए इस लीजेंड क्रिकेटर की अनदेखी करना काफी मुश्किल भरा हो सकता है। हालांकि धोनी खुद हमेशा से ही युवाओं की टीम बनाने के पक्षधर रहे हैं। भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने भी कहा है कि महेंद्र सिंह धोनी ने जिस तरह युवा खिलाड़ियों की मांग करके बतौर कप्तान भविष्य में निवेश किया था, उसी तरह उनके बारे में ‘व्यवहारिक फैसले’ लेने की जरूरत है क्योंकि युवा खिलाड़ी इंतजार में खड़े है।
गंभीर ने कहा, ‘‘धोनी जब कप्तान थे तब उन्होंने भविष्य में निवेश किया था। मुझे याद है कि धोनी ने ऑस्ट्रेलिया में कहा था कि मैं, सचिन और सहवाग तीनों सीबी सीरिज नहीं खेल सकते क्योंकि मैदान बड़े हैं। धोनी ने विश्व कप के लिये युवा खिलाड़ी मांगे थे। जज्बाती होने की बजाय व्यवहारिक फैसले लेना जरूरी है। युवाओं को मौका देने की जरूरत है। चाहे वह ऋषभ पंत हो, संजू सैमसन, ईशान किशन या कोई और विकेटकीपर। जिसमें भी क्षमता दिखे, उसे विकेटकीपर बनाया जाना चाहिये।’’
गंभीर की बातें प्रैक्टिकल दिखती हैं। अगर धोनी क्रिकेट से संन्यास नहीं लेंगे और टीम में रहेंगे तो कप्तान विराट कोहली के लिए भी मुश्किलें होंगी कि वे पहले विकेटकीपर के लिए धोनी को चुनें या पंत या फिर किसी और विकल्प को। टीम में रहते हुए धोनी को नजरअंदाज करना कोहली के लिए मुश्किल होगा। हालांकि मैनेजमेंट अभी अगले टी20 वर्ल्ड कप के लिए टीम को तैयार करने में जुटा है। लेकिन क्या ये मान लिया जाए कि धोनी टी20 वर्ल्ड कप खेलेंगे? हालांकि अभी ये कहना काफी मुश्किल है। लेकिन मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने रविवार को स्पष्ट किया कि आने वाले समय में युवा ऋषभ पंत को विकेटकीपर के तौर पर सभी प्रारूपों में भारत के पहले विकल्प के रूप में ‘तैयार’ किया जायेगा।
प्रसाद ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि संन्यास लेना पूरी तरह से निजी फैसला है और धोनी जैसा महान क्रिकेटर जानता है कि कब संन्यास लिया जाये। उन्होंने ये भी कहा कि भविष्य में क्या किया जायेगा, यह चयन समिति के हाथों में है।" उन्होंने, "मुझे नहीं लगता कि हमें इस पर ज्यादा कुछ चर्चा करने की जरूरत है। पहली बात, वह उपलब्ध नहीं है। दूसरी, हमने पहले ही युवाओं को तैयार करना शुरू कर दिया था।" प्रसाद ने कहा, ‘‘यह कहने का मतलब है कि हमने विश्व कप तक एक निश्चित खाका तैयार किया था और योजनायें बनायी थीं। विश्व कप के बाद हमने कुछ और रणनीतियां बनायी हैं और हमने ऋषभ पंत को ज्यादा से ज्यादा मौके देने के बारे में सोचा था कि देखेंगे कि वह कैसे तैयार होता है। इस समय हमारी योजना यही है और हमने इसके बारे में उससे (धोनी से) भी बात की थी।’’