चार मैचों की टेस्ट सिरीज़ शुरु होते ही टेस्ट मैच में लगातार जीत से आत्मविश्वास से लबरेज़ टीम इंडिया से मुक़ाबला करना ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीव स्मिथ के लिए एक बड़ी चुनौती होने जा रही है।
विराट कोहली बतौर टीम इंडिया के कप्तान 13 घरेलू सिरीज़ जीते हैं। अगर ऑस्ट्रेलिया को ये सिलसिला तोड़ना है तो उसे न सिर्फ़ दिमाग़ी रुप से मज़बूत होना होगा बल्कि खेल का उच्च स्तर दिखाना होगा। स्मिथ की टीम ने भारत की पिचों पर खेलने के लिए दुबई में अभ्यास किया है।
क्रिकइंफ़ो में प्रकाशित ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल के लेख के अनुसार ऑस्ट्रेलिया के सामने पहले दो चुनौतियां हैं- अधिक से अधिक रन बनाना और लय में चल रहे भारतीय बल्लेबाज़ों पर लग़ाम कसना। इसके अलावा तीसरी सबसे बड़ी चुनौती है टीम का चयन।
जहां तक ओपनर्स का सवाल है, स्मिथ को तय करना होगा कि कम अनुभवी मगर प्रतिभाशाली मैट रेनशॉ को खिलाए या फिर अक़सर घायल होने वाले शॉन मार्श को? रेनशॉ ने जिस तरह से हर टेस्ट मैच में ख़ुद को ढाला है और स्लिप में उनकी लाजवाब कैचिंग उसे देखते हुए ओपनिंग का स्लॉट उन्हें मिलना चाहिये।
अगर रेनशॉ को खिलाया जाता है तो मार्श मिडिल ऑर्डर में बैटिंग करेंगे। अब ऑस्ट्रेलिया को ये सोचना है कि उस्मान ख़्वाजा को खिलाकर बैटिंग लाइन अप मज़बूत की जाय या फिर छह नंबर पर किसी ऑलराउंडर को मौक़ा दिया जाए। अगर पेस अटैक को और पैना करने के लिए ऑलराउंडर को चुना जाता है तो मिशल मार्श टीम में फिट हो सकते हैं। मैक्सवेल को खिलाना जुएं के समान है। वह बम की तरह हैं जो फटते तो हैं लेकिन कभी-कभी वक्त के पहले ही फूट जाते हैं।
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