मेलबर्न। ऑस्ट्रेलिया के सीमित ओवरों के विशेषज्ञ डार्सी शॉर्ट ने कहा कि छोटे प्रारूपों का विशेषज्ञ का तमगा उन्हें परेशान नहीं करता और वह पारंपरिक प्रारूप (प्रथम श्रेणी और टेस्ट क्रिकेट) में खुद को साबित करने के लिये प्रतिबद्ध हैं। ऑस्ट्रेलिया की तरफ से अब तक आठ वनडे और 20 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले इस 29 वर्षीय बल्लेबाज ने कहा कि अच्छा प्रदर्शन करने के दबाव से वह प्रभावित हुए क्योंकि वह अवसरों का लाभ उठाने में नाकाम रहे।
उन्होंने क्रिकेट.कॉम.एयू से कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि यह गलत नजरिया है। लोग वही सोचते हैं जो देखते हैं। मैं लाल गेंद की क्रिकेट में भी अच्छा प्रदर्शन करने के लिये प्रतिबद्ध हूं। मैंने अब तक अवसरों का वैसा लाभ नहीं उठाया जैसा मुझे उठाना चाहिए था।’’
शॉर्ट ने कहा,‘‘अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव और अपना स्थान बरकरार रखने की बात मेरे दिमाग में घूमती रही। मैं जानता हूं कि मैं ऐसा कर सकता हूं यह केवल खेल को उसके अनुरूप खेलने से जुड़ा है।’’
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शॉर्ट ने पश्चिम आस्ट्रेलिया की तरफ से पिछले चार वर्षों में केवल 14 प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं जिनमें उनका औसत 26 से थोड़ा अधिक है लेकिन उनका मानना है कि न्यू साउथ वेल्स के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष आक्रमण के सामने पारी का आगाज करते हुए अर्धशतक बनाने से उनका आत्मविश्वास बढ़ा है।
उन्होंने कहा,‘‘मुझे लगता है कि पिछले साल मैंने कुछ हद तक साबित किया। न्यू साउथ वेल्स के खिलाफ के मैंने टेस्ट मैचों में खेलने वाले गेंदबाजों के सामने पारी की शुरुआत की, अर्धशतक बनाया और पर्याप्त समय (164 गेंदे) क्रीज पर बिताया। इससे मेरा थोड़ा आत्मविश्वास बढ़ा है। मुझे जब भी मौका मिलता है तब बड़ा स्कोर बनाना होगा। ’’