थर्ड अंपायर को इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में फ्रंट फुट नो बॉल की निगरानी करने का अधिकार होगा। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने बुधवार को इसकी पुष्टि की। आईसीसी ने पुष्टि करते हुए कहा कि खेल के सबसे लंबे प्रारूप को देखते हुए कोई भी निर्णय लेने से पहले इस टेस्ट सीरीज में फ्रंट-फुट नो बॉल तकनीक को आजमाया जाएगा।
इंग्लैंड-पाकिस्तान सीरीज के जरिए ICC विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप में फ्रंट फ़ुट नो-बॉल तकनीक का उपयोग किया जाना है। आईसीसी ने ट्वीट किया, "ICC टेस्ट चैम्पियनशिप के तहत इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच होने वाली तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में फ्रंट फुट नो बाल तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। टेस्ट क्रिकेट में भविष्य में इस तकनीक का इस्तेमाल करने का फैसला लेने से पहले इस सीरीज में इसके प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी।"
गौरतलब है कि इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच आज यानी 5 अगस्त से तीन मैचों की टेस्ट सीरीज का आगाज होगा। ये टेस्ट सीरीज विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप का हिस्सा है। इससे पहले जुलाई में ऐलान किया गया था कि इंग्लैंड और आयरलैंड के बीच तीन मैचों की वनडे सीरीज में टेलीविजन अंपायर फ्रंट-फुट नो बॉल की निगरानी करेगा। ICC ने 50 ओवर के फॉर्मेट को अधिक रोचक बनाने के लिए सुपर लीग शुरू की है, जो भारत में 2023 में होने वाले विश्व कप का क्वालीफायर राउंड है।
पिछले साल भारत-वेस्टइंडीज सीरीज में भी फ्रंट फुट नो बॉल तकनीक का ट्रॉयल के तौर पर इस्तेमाल किया गया था। आईसीसी ने पिछले साल एक बयान में कहा था, 'पूरे ट्रॉयल के दौरान, थर्ड अंपायर गेंदबाज की हर गेंद की निगरानी करने और यह पहचानने के लिए जिम्मेदार होगा कि क्या कोई फ्रंट फुट का उल्लंघन हुआ है। अगर सामने के पैर में कोई उल्लंघन हुआ है, तो थर्ड अंपायर ऑन-फील्ड अंपायर से बातचीत करेगा, जिसे बाद में नो बॉल करार कर दिया जाएगा।"