2007 और 2011 वर्ल्ड कप के फाइनल मैच में भारत को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले गौतम गंभीर ने कल संन्यास ले लिया है। गंभीर काफी समय इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी नहीं कर पा रहे थे और आईपीएल 2018 भी उनका कुछ खास नहीं रहा था। वहीं दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम ने आईपीएल 2019 के लिए गौतम गंभीर को अपनी टीम से रिलीज भी कर दिया था। क्रिकेट में वापसी अब शायद गंभीर को भी मुश्किल लगने लगी थी इस वजह से उन्होंने संन्यास लेने का यह सही समय समझा।
लेकिन अब सवाल यह उठने लगे हैं कि वर्ल्ड कप जिताने वाले इस महान क्रिकेटर को आखिरी फेयरवेल मैच नहीं मिलना चाहिए था? क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने भारतीय क्रिकेट के लिए बहुत कुछ किया। जब सचिन ने संन्यास का ऐलान किया तो भारतीय टीम ने काफी शानदार तरीके से उन्हें विदाई दी, लेकिन कई भारतीय क्रिकेटर ऐसे हैं जिन्होंने क्रिकेट की दुनिया में भारत का मान-सम्मान तो बढ़या, लेकिन भारतीय क्रिकेट ने उन्हें क्रिकेट से संन्यास लेते समय उस तरह की विदाई नहीं दी जिस विदाई के वो हकदार थे। आइए जानते हैं इन खिलाड़ियों के बारे में-
वीरेंद्र सहवाग
भारतीय सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग जिनकी बल्लेबाजी के खौफ से गेंदबाज रातों को सो नहीं पाते थे उन्होंने भारतीय का सम्मान देश में नहीं विदेशों में भी बढ़या। मुलतान के सुलतान नाम से प्रसिद्धा इस खिलाड़ी ने पाकिस्तान के खिलाफ तिहरा शतक जड़ा था और वो ऐसा करने वाले भारत के पहले खिलाड़ी बने थे। वहीं सहवाग ने वनडे क्रिकेट में दोहरा शतक भी लगाया था। सहवाग ने 20 अक्टूबर 2015 को क्रिकेट से संन्यास लिया था, लेकिन उन्होंने अपना आखिरी वनडे और टेस्ट मैच 2013 में खेला था।
राहुल द्रविड़
विश्व भर में द वॉल नाम से प्रसिद्धा राहुल द्रविड़ को भी टेस्ट क्रिकेट में फेयरवेल मैच नहीं मिला था। राहुल द्रविड़ को अगस्त 2011 में अचानक इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में भारतीय टीम में जगह मिली थी। तभी द्रविड़ ने वनडे और टी20 क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया था, लेकिन उन्होंने टेस्ट क्रिकेट तब भी नहीं छोड़ा था। उन्हें उम्मीद थी कि वो टेस्ट में अभी खेल सकते हैं। लेकिन जनवरी 2012 में अपना आखिरी टेस्ट मैच खेलने के बाद द्रविड़ ने मार्च 2012 में बिना फेयरवेल मैच खेले टेस्ट से भी रिटायमेंट का ऐलान कर दिया था।
जहीर खान
भारतीय टीम ने 2011 वर्ल्ड कप सिर्फ बल्लेबाजी नहीं गेंदबाजी के दम पर भी जीता था। उस टूर्नामेंट में भारत के सबसे सफल गेंदबाज जहीर खान ही थे। जहीर ने वर्ल्ड कप 2011 में सबसे अधिक 21 विकेट लिए थे। लेकिन दुख की बात यह है कि इस वर्ल्ड कप विजेता खिलाड़ी को भी फेयरवेल मैच के बिना ही क्रिकेट को अलविदा कहना पड़ा। जहीर खान ने अपना आखिरी टेस्ट मैच 2014 और आखिरी वनडे 2012 में खेला था। जब उन्हें लगा कि अब वह टीम में वापसी नहीं कर पाएंगे तो उन्होंने 15 अक्टूबर 2015 को संन्यास लिया।
वीवीएस लक्ष्मण
क्रिकेट की दुनिया में वेरी वेरी स्पेशल लक्ष्मण नाम से मशहूर इस खिलाड़ी को भी फेयरवेल मैच नसीब नहीं हुआ था। लक्ष्मण ने भारत के लिए वनडे क्रिकेट तो 2006 के बाद से नहीं खेला था, लेकिन वो टेस्ट क्रिकेट में लगातार भारत के मजबूत स्तंभ बने हुए थे। टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए 8781 रन बनाने वाले इस खिलाड़ी ने अपना आखिरी टेस्ट मैच जनवरी 2012 में खेला था। लेकिन उसके बाद उन्हें टीम में जगह नहीं मिली। इसके बाद 18 अगस्त 2018 को इस खिलाड़ी ने भी बिना फेयरवेल मैच के क्रिकेट को अलविदा कह दिया।