भारतीय टीम के विस्फोटक बल्लेबाज सुरेश रैना को अंबाती रायडू की जगह टीम इंडिया में शामिल कर लिया गया है। इसके साथ ही रैना लगभग 3 साल के बाद भारतीय वनडे टीम में खेलते नजर आएंगे। 25 अक्टूबर, 2015 को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आखिरी वनडे खेलने वाले रैना को यो-यो टेस्ट में फेल होने के कारण भारत की वनडे टीम से बाहर कर दिया गया था। इसके बाद रैना टीम इंडिया में जगह बनाने में नाकाम रहे। हालांकि इस दौरान रैना टी20 मैचों में अपना दम जरूर दिखाते रहे। अब सवाल ये उठते हैं कि आखिर इन 3 सालों में ऐसा क्या हो गया जो रैना को वनडे टीम में दोबारा जगह मिल गई। आइए आपको बताते हैं वो तीन कारण जिनकी वजह से रैना वनडे टीम में खेलते नजर आएंगे।
अनुभव को मिली तरजीह: इसमें कोई दोराय नहीं है कि रैना बेहद अनुभवी है। रैना ने भारत के लिए 223 वनडे मैच खेले हैं। इस दौरान रैना ने 35.46 के औसत और 93.76 के स्ट्राइक रेट के साथ 5,568 रन बनाए हैं। रैना के बल्ले से 5 शतक और 36 अर्धशतक लगाए हैं। विश्व कप में ज्यादा समय नहीं रह गया है और ऐसे में रैना का अनुभव टीम इंडिया के काम आ सकता है।
टी20 में लगातार अच्छा प्रदर्शन: रैना ने वनडे टीम से बाहर होने के बाद टी20 में खुद को साबित किया और लगातार अच्छे प्रदर्शन किया। रैना ने 2017 में 3 मैचों में 34.66 के औसत के साथ 104 रन बनाए जिसमें एक अर्धशतक शामिल रहा। वहीं, 2018 में 8 टी20 में उन्होंने 192 रन ठोके। रैना ने कहा भी था कि वो टी20 के जरिए वनडे में जगह बनाकर रहेंगे।
यो-यो टेस्ट किया पास: रैना और युवराज सिंह भारतीय टीम के पहले खिलाड़ी थे जो यो-यो टेस्ट में फेल होने की वजह से टीम इंडिया से बाहर कर दिए गए थे। लेकिन टीम से बाहर होने के बाद रैना ने अपनी फिटनेस पर खासा ध्यान देना शुरू कर दिया और लगातार मेहनत की। रैना ने आखिरकार यो-यो टेस्ट पास कर लिया और टीम इंडिया में जगह बनाने में कामयाबी पाई।