कोरोना महामारी के कारण जहां सभी प्रकार के खेलों पर रोक लगी हुई हैं वहीं सभी खिलाड़ी पर बैठे हुए हैं। इसी बीच भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ( बीसीसीआई ) द्वारा घरेलू क्रिकेट की सबसे बड़ी रणजी ट्रॉफी के प्रारूप में बदलाव की ख़बरों ने तूल पकड रखा था। जिस पर बीसीसीआई के महाप्रबंधक (क्रिकेट संचालन) सबा करीम ने सामने आकर इस तरह की हर बात को खारिज कर दिया है।
खबरों में कहा गया था कि बोर्ड रणजी ट्रॉफी के प्रारूप में बदलाव करने पर विचार रहा है और इसमें पूरे सीजन में खेले जा रहे मैचों की संख्या में बदलाव होगा। लेकिन करीम ने कहा है कि उन्हें इस तरह की किसी भी बात की जानकारी नहीं थी।
करीम ने आईएएनएस से कहा, "नहीं, हमने कोई प्रस्ताव नहीं भेजा है। (टूर्नामेंट के प्रारुप में बदलाव करने को लेकर)। मैं इस तरह की चीजों से अवगत नहीं हूं। हमने ऐसा नहीं किया है।"
मौजूदा प्रारूप के अनुसार, रणजी ट्रॉफी चार समूहों के बीच खेली जाती है। इनमें एलीट ग्रुप-ए और बी, जिसमें नौ टीमें होती हैं, ग्रुप-सी में 10 और प्लेट ग्रुप में 10 टीमें होती हैं।
कुछ टीमें शीर्ष स्तरीय (एलीट ग्रुप ए और बी) से क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालीफाई करती हैं। क्वार्टर फाइनल के लिए दो टीमें दूसरे-स्तरीय (एलीट ग्रुप सी) और एक टीम लोअर-टियर (प्लेट ग्रुप) से क्वॉलीफाई करती हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, कोरोनावायरस के प्रकोप से पहले एक प्रस्ताव भेजा गया था जिसमें एलीट टीमों को पांच समूहों में विभाजित करने के लिए कहा गया था।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि बीसीसीआई द्वारा नए प्रारूप को अपनाए जाने की संभावना है। इसमें प्रत्येक एलीट समूह में छह टीमें होंगी जबकि प्लेट समूह में आठ टीमें शामिल होंगे (पिछले सीजन से शीर्ष दो को एलीट ग्रुप ई में प्रमोट किया जाएगा)।
पांच एलीट समूहों में शीर्ष पर रहने वाली टीमें सीधे क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालीफाई करेंगी।
( With Input Ians )