नई दिल्ली: 'विराट' युग में जीत टीम इंडिया की सबसे अच्छी साथी बन गई है। चाहे सरजमीं अपनी हो या फिर विदेश में अग्निपरीक्षा हो हर जगह जीत टीम इंडिया के कदम चूम रही है। धोनी की कप्तानी में गौतम गंभीर अक्सर कहते थे कि टीम से कप्तान बनता है। अच्छी टीम कप्तान को कामयाब बनाती है, लेकिन जब आप विराट कप्तान को देखेंगे। जीत के जोश को देखेंगे, तो शायद आप भी गंभीर की बात से इत्तेफाक नहीं रखेंगे क्योंकि विराट को उस वक्त टीम मिली थी, जब हार से परेशान टेस्ट कप्तान था। खिलाड़ियों के अंदर जीत का जज्बा खत्म हो रहा था। उस वक्त ईंट का जवाब मुस्कान से दिया था और फिर वक्त ने ऐसे करवट ली कि आज खुद स्लेजिंग स्कूल चला रहे कंगारुओं को विराट से डर लगता है।
विराट हिंदुस्तान के सर्वगुण संपन्न कप्तान हैं... जो कप्तानी में धोनी से आगे निकलते नजर आ रहे हैं। विराट की कप्तानी में भारत ने 31 टेस्ट में 20 में जीत दर्ज की है। इस दौरान सिर्फ 3 टेस्ट में हार मिली। जबकि 8 टेस्ट ड्रॉ रहे। 31 टेस्ट के बाद सबसे ज्यादा 23 जीत पॉन्टिंग, 21 स्टीव वॉ के नाम है। तीसरे नंबर पर विराट हैं। विराट लगातार 8 टेस्ट सीरीज जीत चुके हैं और वर्ल्ड रिकॉर्ड की बराबरी से महज एक कदम दूर हैं।
हालांकि जब विराट को कप्तानी मिली तो किसी को भरोसा नहीं था कि विराट इतने जल्दी हिंदुस्तान के इतिहास में अपनी छाप छोड़ देंगे। सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़, अजहर और धोनी के कप्तानी के किस्से सुनाने वाले अब विराट का नाम जपने लगे।
विराट भारत के 32वें टेस्ट कप्तान हैं। कोहली फिलहाल देश के तीसरे सबसे सफल कप्तान हैं और गांगुली से महज एक टेस्ट जीत दूर हैं। विराट के विजय रथ को रोकना किसी के बस की बात नहीं है। इंग्लैंड से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक हर कोई जंग के मैदान पर बड़े जोश के साथ उतरा लेकिन हर किसी को विराट के सामने आत्मसमर्पण करना।
अफ्रीका को 3-0 से रौंदा। इंग्लैंड को 4-0 से हराया। ऑस्ट्रेलिया बड़ी मुश्किल से सिरीज़ ड्रॉ कर सका तो न्यूज़ीलैंड को 3-0 से हार मिली। श्रीलंका को उसके घर में 3-0 से मात दी। विंडीज की सरजमीं पर 2-0 से हराया।
अब हर किसी को इंतजार है विदेशी दौरे का, जहां पर विराट की असली अग्निपरीक्षा मानी जा रही है। सबसे पहले मुकाबला द.अफ्रीका से है। जिसकी तैयारी के लिए विराट को वक्त तो नहीं मिला लेकिन उन्होंने श्रीलंका सिरीज़ को ही कैंप बना दिया।
मुकाबला श्रीलंका से चल रहा था लेकिन हर खिलाड़ी को सिर्फ अफ्रीका नजर आ रहा था। कोलकाता की हरी पिच। टीम इंडिया के लिए हरा काल साबित होने लगी थी लेकिन विराट जानते हैं, जितना पसीना अभ्यास में बहाया जाएगा अफ्रीकी रण में उतना फायदा मिलेगा।