नई दिल्ली। भारतीय महिला क्रिकेट टीम को ब्रिसबेन के होटल के छोटे से कमरों में पृथकवास में रखा गया है जिसमें उन्होंने 14 दिन के कड़े पृथकवास के चार दिन ही बिताये हैं और बीसीसीआई अधिकारी के अनुसार इसका असर खिलाड़ियों पर पड़ना शुरू हो गया है। बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) के अधिकारी ने पीटीआई से कहा कि सरकार द्वारा मुहैया कराये जाने वाली पृथकवास सुविधा में कमरे बहुत ही छोटे है जिसमें खिलाड़ी केवल हल्का अभ्यास ही कर पा रही हैं।
अधिकारी ने कहा, ‘‘कमरे बहुत ही छोटे हैं। आप इसमें ज्यादा कुछ ट्रेनिंग नहीं कर सकते। हालांकि वहां सुरक्षाकर्मी तैनात नहीं हैं जैसा कि ब्रिटेन में खिलाड़ियों के साथ हुआ था लेकिन फिर भी पृथकवास काफी कड़ा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि जो खाना दिया जा रहा है, वो ठीक है और हर दिन खाने का मेन्यू बदल रहा है। लेकिन दो हफ्ते काफी चुनौतीपूर्ण होंगे।’’
ब्रिटेन में खिलाड़ियों को पृथकवास के पहले हफ्ते में ही अभ्यास करने की अनुमति दे दी गयी थी क्योंकि उन्होंने मुंबई में दो हफ्ते पृथकवास में बिताये थे। महिला टीम तीन वनडे, दिन रात्रि का एक टेस्ट और तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने के लिये सोमवार को ब्रिसबेन पहुंची।
सिडनी, पर्थ और मेलबर्न में कोविड-19 संबंधित पांबदियों के चलते कार्यक्रम में भी बदलाव हुआ। अब सभी मैच क्वींसलैंड में खेले जायेंगे और श्रृंखला दो दिन के विलंब के बाद 21 सितंबर से शुरू होगी।
इस साल आस्ट्रेलिया का दौरा करने वाली पुरूष क्रिकेट टीम को अपने पृथकवास के दौरान सीमित समय के लिये ट्रेनिंग करने की अनुमति दी गयी थी। लेकिन महिला टीम 14 दिन तक होटल के कमरों तक ही सीमित रहेगी। भारतीय महिला टीम के मुख्य कोच रमेश पोवार ने अपने कमरे की खिड़की की फोटो के साथ ट्वीट किया और लिखा, ‘‘जब तक आपके पास एक खिड़की है, जिंदगी रोमांचक है।’’