गुरुग्राम: भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली का मानना है कि पूरी तरह से फिट रहने पर ही वह मैदान और मैदान के बाहर मिलने वाली चुनौतियों का सामना कर पाते हैं। कोहली ने इसके साथ ही भारत की एक-तिहाई जनसंख्या द्वारा पिछले एक साल में एक बार भी शारीरिक संबंधी गतिविधियों में हिस्सा न लेने पर हैरानी जताई है।
प्यूमा इंडिया द्वारा किए गए एक शोध में यह स्पष्ट हुआ है कि देश की एक-तिहाई जनसंख्या ने पिछले एक साल में एक भी बार शारीरिक संबंधी गतिविधियों में हिस्सा नहीं लिया। प्यूमा इंडिया की ओर से किए गए इस अध्ययन का उद्देश्य देश में शारीरिक गतिविधि और खेल के प्रति रुचि को समझना था। शोध ने अनुसार, गुडगांव में स्थिति और भी चिंताजनक है, जहां 54 प्रतिशत लोगों ने पिछले एक साल में एक बार भी शारीरिक गतिविधि नहीं की।
इन परिणामों पर बयान में कोहली ने कहा, "यह चैंकानेवाली बात है कि देश की एक-तिहाई जनसंख्या ने पिछले एक साल में कोई भी शारीरिक गतिविधि नहीं की। जब आप शारीरिक रूप से चुस्त होते हैं, तो आप चुनौतियों का सामना करने के लिए ज्यादा ऊजार्वान होते हैं। मैंने व्यक्तिगत रूप से इसका अनुभव लिया है और इसलिए मैं एक चुस्त जीवनशैली में भरोसा करता हूं।"
विराट ने कहा कि वह छुट्टियों में भी जिम जाना नहीं छोड़ते। दो घंटे तक वह जिम में पसीना बहाते हैं। उन्होंने कहा, "मैं चाहे सीरीज खेलता रहूं या ब्रेक पर रहं। मैं अपना अनुशासन बिगड़ने नहीं देता। मेरे फिटनेस का सीधा प्रभाव मेरे खेल पर पड़ता है। इसीलिए, मैं कड़ा प्रशिक्षण करता हूं और अपनी डाइट का सख्ती से पालन करता हूं।"
शोध के अनुसार, 89 प्रतिशत प्रतिभागियों के पिछले एक माह में कम से कम एक बार खेल खेलने के आंकड़ों के साथ गोवा सूची में सर्वोच्च स्थान पर रहा। इसके बाद हैदराबाद और मुंबई शामिल हैं। गुरुग्राम, रायपुर और पटना इस सूची में काफी नीचे हैं, जहां इन शहरों के 18 प्रतिशत, 15 प्रतिशत और 12 प्रतिशत लोग पिछले एक माह में कम से कम एक बार खेले