कोरोनावायरस के कराण इस समय ठप पड़ी क्रिकेट गतिविधियों की वजह से कई क्रिकेट बोर्ड को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने तो अपने कोचिंग स्टाफ के वेतन में कटौती करना भी शुरू कर दिया है। वहीं खबरें यह भी है कि अगर इस साल के अंत में भारत ऑस्ट्रेलि
या का दौरा नहीं करता है तो ऑस्ट्रेलिया को काफी नुकसान होगा और उन्होंने करोड़ों डॉलर का लोन लेना पड़ सकता है।
वहीं अब ऑस्ट्रेलिया के पूर्व खिलाड़ी और भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच ग्रेग चैपल ने चिंता जताई है कि इस महामारी के बाद जब क्रिकेट शुरू होगा तो टेस्ट क्रिकेट को काफी नुकसान होगा और अगर भारत की मदद नहीं मिली तो यह फॉर्मेट खत्म भी हो सकता है।
चैपल ने एक फेसबुक लाइव पर कहा "टेस्ट क्रिकेट उसी दिन मर जाएगा, जिस दिन भारत इसे छोड़ देगा। मैं भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के अलावा अन्य देशों को टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए युवा क्रिकेटरों में निवेश करते हुए नहीं देख पा रहा हूं।"
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चैपल ने आगे कहा "ऐसा नहीं है कि मैं टी-20 के खिलाफ हूं। उसे जनता को बेचना आसान है। टेस्ट के लिए आर्थिक मुद्दा बड़े पैमाने पर होने जा रहा है। भारतीय कप्तान विराट कोहली टेस्ट को 'अल्टीमेट क्रिकेट' कहते हैं, इसलिए उम्मीद है कि यह जीवित रहेगा।"
वैसे तो चैपल की गिनती टीम इंडिया का सबसे खराब कोचों में की जाती है। सचिन तेंदुलकर ने अपनी किताब 'प्लेइंग इट माई वे’ में चैपल को एक रिंगमास्टर भी कहा था, लेकिन चैपल के कार्यकाल में टीम इंडिया ने एक साल में 17 मैच रनों का पीछा करते हुए जीते थे। चैपल के आने से पहले भारत का रन चेज रिकॉर्ड काफी खराब था। चैपल के कार्यकाल में ही भारत ने 35 साल बाद वेस्टइंडीज में जीत हासिल की और उसी साल भारत ने साउथ अफ्रीका में पहला टेस्ट मैच भी जीता।
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अपने कार्यकाल में चैपल ने भारत को धोनी जैसा खिलाड़ी भी लाकर दिया। धोनी की ताकत देखकर चैपल भी एक बार को हैरान हो गए थे। धोनी के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा "मुझे यह याद है कि जब मैं उन्हें पहली बार बल्लेबाजी करते हुए देख रहा था, तो मुझे अजीब लगा। वह निश्चित रूप से उस समय भारत के सबसे रोमांचक क्रिकेटर थे। वह सबसे असामान्य स्थिति से गेंद को हिट करते थे। वह सबसे शक्तिशाली बल्लेबाज हैं जिसे मैंने कभी देखा है।"