Monday, November 25, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. खेल
  3. क्रिकेट
  4. तो क्या टेस्ट क्रिकेट की चमक को फीका कर रही है 'पिंक बॉल', ये आकड़ें कर देंगे हैरान!

तो क्या टेस्ट क्रिकेट की चमक को फीका कर रही है 'पिंक बॉल', ये आकड़ें कर देंगे हैरान!

क्या पिंक बॉल से खेले जाने वाले टेस्ट मैच असल में लाल गेंद से खेले जाने वाले टेस्ट क्रिकेट के मुकाबले बेहतर नजर आ रही है। आकड़ें उठाते ये बड़े सवाल।

Written by: India TV Sports Desk
Updated on: February 26, 2021 14:10 IST
R.Ashwin- India TV Hindi
Image Source : BCCI.TV R.Ashwin

टेस्ट क्रिकेट के नए फॉर्मेट में जब भी पिंक बाल दिखाई देती है तो एक लाइन याद आती है कि काँटों से बचते कैसे, जब पसंद ही गुलाब था। पिंक बॉल द्वारा जबसे डे-नाईट टेस्ट मैच का चलन शुरू हुआ तो सभी क्रिकेट पंडितों और दिग्गजों ने टेस्ट क्रिकेट की रंगारंग गेंद को जमकर सराहा। मगर जैसा कि उसका रंग गुलाबी है तो थोड़े कांटे दिखने ही थे। यही कारण है कि कभी - कभी ऐसा लगता है कहीं पिंक बॉल टेस्ट क्रिकेट में फैंस को आनंद देने के बजाए उनका मजा तो किरकिरा नहीं कर रही है। 

क्या पिंक बॉल से खेले जाने वाले टेस्ट मैच असल में लाल गेंद से खेले जाने वाले टेस्ट क्रिकेट के मुकाबले बेहतर नजर आ रही है। अगर आकड़ों पर गौर किया जाए तो अब इसके कुछ कांटे नजर आने लगे हैं। जिसके चलते पिछले 5 सालों से टेस्ट क्रिकेट में पिंक बॉल की चमक को बिखरने के लिए दुनिया भर के क्रिकेट बोर्ड प्रयास में जुटे हुए हैं। मगर ये गुलाबी रंग वाली गेंद जब मैदान में आती है तो टेस्ट क्रिकेट का मजा फीका कर देती है। कभी 2 दिन तो कभी 3 या फिर 4 दिन में ही इस गेंद से मैच समाप्त हो जाता है। इस तरह टेस्ट क्रिकेट के 5 दिनों के रोमांच पर इस गेंद के कांटे भी नजर आने लगे हैं। 

साल 2015 में जब पहली बार अंतराष्ट्रीय डे-नाईट टेस्ट मैच गुलाबी गेंद से ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया तो वो तीन दिन में ही समाप्त हो गया था। जिससे फैंस चौथे और पांचवे दिन स्टेडियम की बजाए घर से मैच की हाईलाइट देख रहे होंगे। वहीं हाल 5 साल बाद भी अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में भी पिंक बॉल से देखने को मिला जिसमें मैच शुरू होते ही दूसरे दिन समाप्त हो गया। इससे फैंस में काफी निराशा भी है कि वो तीसरे, चौथे और पांचवे दिन का टिकट लेने के बाद घर में बैठे हैं। जिससे टेस्ट मैच के रोमांच पर शायद अंकुश सा लता नजर आ रहा है। 

पिंक बॉल पर सवाल उठाते ये आकड़ें

पिछले 5 सालों में खेले जाने वाले पिंक बॉल टेस्ट मैच आकड़ों पर नजर डालें तो अभी तक 16 अंतराष्ट्रीय डे नाईट टेस्ट मैच पिंक बॉल से खेले जा चुके हैं। जिसमें इंग्लैंड व वेस्टइंडीज की ड्यूक पिंक बॉल, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और अन्य देशों में इस्तेमाल होने वाली कूकाबुरा की पिंक बॉल, जबकि भारत में होने वाली एसजी पिंक बॉल ने टेस्ट क्रिकेट का रोमांच बढाने की बजाए कम ही किया है। इन 16 टेस्ट मैचों में सिर्फ 4 बार ही ऐसा हुआ है जब डे नाईट टेस्ट मैच 5 दिनों तक खेला गया हो। जबकि 5 बार मैच 3 दिन में, 2 बार दो दिन में और 4 बार पिंक बॉल टेस्ट मैच चौथे दिन तक गया है। इसमें एक मैच ऐसा रहा जो खेला तो तो 5 दिन तक गया लेकिन दो दिन बीच में बारिश की वजह से मैच नहीं हुआ. जिसके 5वें दिन और खेलने वाले तीसरे दिन न्यूजीलैंड ने इंग्लैंड के खिलाफ साल 2017 में जीत हासिल की थी। इस तरह पिंक बॉल से कुछ ही ऐसे मैच रहे हैं जो रोमांचक मोड़ तक गए हो कई मैच एकतरफा अंदाज में खत्म हुए हैं। जबकि विरोधी टीमों ने बड़े अंतराल से जीत हासिल की है।

ये भी पढ़ें - IND v ENG : धोनी को पछाड़ कोहली बने घरेलू सरजमीं पर सबसे सफल टेस्ट कप्तान

आकड़ों से सवाल उठता नजर आता है कि 5 दिन तक खेले जाने वाले टेस्ट मैच में पिंक बॉल कितनी कम असरदार साबित होती नजर आ रही है। 16 पिंक बॉल टेस्ट मैचों में फैंस को 11 बार मैच 4, 3 और 2 दिन तक ही देखने को मिले हैं। जिससे उनकी पिंक बॉल टेस्ट क्रिकेट के रोमांच को देखने की उत्सुकता को काफी ठेस पहुँचती नजर आ रही है।

भारतीय सरजमीं पर 'पिंक बॉल'

Pink Ball

Image Source : BCCI.TV
Pink Ball

भारतीय सरजमीं की बात करें तो भारत ने पहला पिंक बॉल टेस्ट मैच बांग्लादेश के खिलाफ खेला था। जिसमें एसजी कंपनी की बनी पिंक बॉल टेस्ट से गेंदबाजों ने जमकर कहर बरपाया और मैच सिर्फ तीन दिन में ही खत्म हो गया था। इस मैच में इशांत शर्मा ने पहली बार पिंक बॉल से खेलते हुए 5 विकेट हॉल भी लिया था। जिसके बाद हाल ही में दुनिया के सबसे बड़े नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले जाने वाले भारत के दूसरे पिंक बॉल टेस्ट मैच में पिच के साथ जुगलबंदी बनाते हुए इस गेंद से खेल दो दिन में ही समाप्त हो गया। जिससे जिन फैंस ने आगे के दिनों की टिकट जो खरीदी होगी वो अब घर में बैठे हैं। उनका पिंक बॉल को मैदान में देखने का सपना अधूरा रह गया। 

ये भी पढ़ें - भारत की जीत के साथ बदला वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप प्वॉइंट्स टेबल का समीकरण

गेंद की कुछ खामियां 

भारतीय कंपनी संसपेरिल्स ग्रीनलैंड्स ( एसजी ) ने पिंक बॉल का निर्माण का कर रही है। जिसका कलर गुलाबी करने के लिए इसमें कई बार कोटिंग किया जाता है। इस कारण ये गेंद काफी सख्त हो जाती है। जबकि हाथ से सिलाई के कारण इसके सीम का भाग भी काफी उभरा हुआ है। ऐसे में हार्ड गेंद और उभरी सीम होने के कारण गेंदबाज को इससे अतिरिक्त मदद मिल रही है। स्पिनर हो या तेज गेंदबाज सभी इस गेंद से कहर बरसा रहे हैं। ये भी एक कारण हो सकता है कि गेंद और बल्ले की बराबरी को दर्शाने वाले असली टेस्ट क्रिकेट की परिभाषा में कहीं ना कहीं ये गेंद पैमाने पर खरी नहीं उतर रही है। जबकि लाइट जलने के बाद इस गेंद के तेवर सांतवे आसमान पर होते हैं और बल्लेबाज जमीन पर ढेर होते चले जाते हैं। 

ऑस्ट्रेलिया का 'पिंक बॉल' पर वर्चस्व

बता दें कि अभी तक सबसे ज्यादा पिंक बॉल से टेस्ट क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने खेले हैं। उसने अपने घर में खेले 8 डे नाईट टेस्ट मैचों में सभी में जीत हासिल की है। जिसमें हाल ही में भारत के खिलाफ खेला गया एडिलेड का डे नाईट टेस्ट मैच भी शामिल है। इस मैच में भारतीय टीम दूसरी पारी में 36 रनों पर ढेर हो गई और एकतरफा अंदाज में ऑस्ट्रेलिया ने तीन दिन में ही जीत हासिल कर ली थी। जिससे टेस्ट मैच का रोमांच जो 5 दिनों तक जाता है वो किरकिरा रहा था। 

ये भी पढ़ें - इंग्लैंड की हार के बाद पीटरसन ने भारतीय टीम प्रबंधन से की खास मांग, सचिन ने किया ये ट्वीट

इस तरह जब - जब पिंक बॉल को टेस्ट क्रिकेट के चमक-धमक और रोमांच के लिए मैदान में उतारा गया फैंस को निराशा ही हाथ लगी है। जबकि खिलाड़ी भी गुलाबी रंग की पहेली अभी तक सुलझा नहीं पाए हैं और इसके काँटों का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में देखना दिल्लचस्प होगा कि पिछले 5 सालों से प्रयासरत पिंक बॉल टेस्ट क्रिकेट के असली रोमांच पर कब निखर कर आती है। हालंकि अभी तक गुलाबी चमक, टेस्ट क्रिकेट की असली लाल चमक के आगे बेबस ही नजर आई है। 

Latest Cricket News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Cricket News in Hindi के लिए क्लिक करें खेल सेक्‍शन

Advertisement

लाइव स्कोरकार्ड

Advertisement
Advertisement