विश्व कप 2019 में टीम इंडिया सेमीफाइनल मैच में न्यूजीलैंड के हाथों हारकर बाहर हो गई। जिसके बाद बीसीसीआई ने टीम के हेड कोच से लेकर सपोर्ट स्टाफ तक के आवेदन का विज्ञापन जारी कर दिया है। ऐसे में खबर ये है कि पिछली बार की तरह कप्तान विराट कोहली नए कोच को चुनने में कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकेंगे।
दरअसल, बीसीसीआई के एक अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, "इस बार भारतीय कप्तान विराट कोहली कोच की चयन प्रक्रिया में कुछ भी नहीं कह सकेंगे। उन्हें जो भी कोच चुनकर दिया जाएगा उसे स्वीकारना होगा।"
दरअसल, टीम इंडिया के कोच का चयन सीओए द्वारा चुनी गई कपिल देव की अगुवाई वाली तदर्थ समिति को सौंपा है। तदर्थ समिति में पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव, अंशुमन गायकवाड़ और शांता रंगास्वामी हैं और उन्होंने इससे पहले दिसंबर में डब्ल्यूवी रमन को भारतीय टीम का कोच नियुक्त किया था।
ऐसे में अधिकारी ने कहा, "पिछली बार विराट कोहली ने कोच अनिल कुंबले के साथ सहमती नहीं जताई थी। जिसके बाद फिर नई चयन प्रक्रिया में कोहली के भी बयान के आधार पर रवि शास्त्री को टीम का हेड कोच नियुक्त किया गया था। हालाँकि इस बार चयन प्रक्रिया से कोहली दूर रहेंगे और उनकी एक भी नहीं चलेगी।"
वहीं, दूसरी तरफ चयनकर्ता सपोर्ट स्टाफ के लिए योग्य व्यक्तियों का चयन करेंगे। गौरतलब है कि सपोर्ट स्टाफ का चयन टीम का मुख्य कोच करता है लेकिन उनकी अनुपस्थिति में इस बार सपोर्ट स्टाफ का चयन भी मुख्य चयनकर्ता करेंगे। अगर हेड कोच पहले चुन लिए जाते हैं तब फिर वो अपने हिसाब से सपोर्ट स्टाफ का चयन करने योग्य होंगे।
बता दें कि 2017 की चैम्पियंस ट्राफी के बाद विराट कोहली ने कुंबले की कोचिंग स्टाइल पर सवाल खड़ें किए थे, जिसके बाद उन्हें हेड कोच के पद से हटा दिया गया था और कोहली के ही कहने पर रवि शास्त्री को नया कोच नियुक्त किया था, जिनका करार 2019 विश्व कप था। ऐसे में विश्व कप के सेमीफाइनल से टीम के हार कर बाहर होने के बाद अब सीओए ने 45 दिन के अंदर टीम के नए हेड कोच को नियुक्त करने का आदेश दिया है।
इस तरह 3 अगस्त से 3 सितम्बर तक चलने वाले वेस्टइंडीज दौरे के बाद बीसीसीआई चाहती है कि 15 सितम्बर से साउथ अफ्रीका के खिलाफ घरेलु सीरीज से पहले भारतीय टीम को उनका नया कोच मिल जाए।