पिछले कुछ दशकों से भारतीय क्रिकेट टीम में काफी बदलाव देखने को मिला है। टीम ने विदेशों में जीतना शुरू कर दिया है, तेज गेंदबाज विश्व में अपना डंका बजाने लगे हैं, भारतीय बल्लेबाज विदेशी धरती पर भी अब लड़ने का मद्दा रखते हैं। मगर इस दौरान एक चीज नहीं बदली और वो है भारतीय टीम का एक बल्लेबाज पर निर्भर रहना। 80 के दशक तक जहां टीम इंडिया की बल्लेबाजी सुनील गावस्कर पर निर्भर रहती थी, वहीं इसके बाद यह दारोमदार सचिन तेंदुलकर के कंधों पर आ गया और पिछले कुछ सालों से विराट कोहली यह जिम्मेदारी उठा रहे हैं। जब भी यह खिलाड़ी आउट होते थे तो फैन्स की धड़कने तेज हो जाती थी। वह सोचने लगते थे कि अब तो मैच जीतना नामुमकिन सा हो गया है।
मगर अब भारतीय क्रिकेट में यह चीज भी धीरे-धीरे बदलने लगी है। इस बदलाव से विराट कोहली के कंधों का बोझ भी थोड़ा हल्का हुआ है। टीम के अन्य खिलाड़ी भी रन बनाने की जिम्मेदारी ले रहे हैं और विराट कोहली के बिना भी जीतने का हौसला रखते हैं।
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर हमें इसका जीता जागता उदहारण देखने को मिला। पहला टेस्ट मैच हारने के बाद विराट कोहली पैटर्निटी लीव पर स्वदेश लौट आए थे। उस दौरान क्रिकेट के पंडितों ने भारत के 0-3 या फिर 0-4 से सीरीज हारने की भविष्यावाणी कर दी थी। किसी को भरोसा नहीं था कि विराट कोहली के बिना यह टीम जीत सकती है। लेकिन तब रहाणे की कप्तानी में टीम एकजुट होकर खेली और ऑस्ट्रेलिया को उसी की सरजमीं पर लगातार दूसरी बार मात दी। इस दौरान रोहित शर्मा, शुभमन गिल, ऋषभ पंत, चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे ने रन बनाने का जिम्मा उठाया। इससे यह तो साफ हो गया कि कोहली की बल्लेबाजी पर अब टीम निर्भर नहीं है। टीम के अन्य खिलाड़ी भी मैच जीता सकते हैं।
इंग्लैंड के खिलाफ हुई टेस्ट सीरीज में भी हमें ऐसा देखने को मिला था। कोहली जहां 4 मैचों में 172 ही रन जोड़ पाए थे, वहीं रोहित शर्मा ने 345 और ऋषभ पंत ने 270 रन बनाए थे। बाकी का काम तो गेंदबाजों ने ही कर दिया था।
आज हम आपके सामने कुछ आंकड़े पेश करने जा रहे हैं जिसमें भारतीय बल्लेबाजों द्वारा कुछ अंतराल में बनाए गए रन है। पहली टेबल के आंकड़े 1 जनवरी 2015 से लेकर 31 दिसंबर 2018 तक लिए गए हैं जबकि दूसरी टेबल के आंकड़े 1 जनवरी 2019 से लेकर अब तक के लिए गए हैं। दोनों ही टेबल में रन बनाने के मामले में विराट कोहली शीर्ष पर है, लेकिन नीचे के खिलाड़ियों की परफॉर्मेंस में काफी अंतर देखने को मिला है।
1 जनवरी 2015 से लेकर 31 दिसंबर 2018 तक विराट कोहली ने खेले 151 मैचों में 65.2 की औसत से तीनों फॉर्मेट में मिलाकर 9455 रन बनाए हैं। इस दौरान उनके नाम 33 शतक और 55 अर्धशतक थे। वहीं दूसरे नंबर पर नीली जर्सी के उप-कप्तान रोहित शर्मा है जिन्होंने इस दौरान खेले 133 मैचों में 48.93 मैचों में 6215 रन बनाए थे। कोहली और रोहित के मैचों में 18 ही मैचों का अंतर था, लेकिन रन का अंतर 3240 का था। रोहित के पीछे धवन 5512, रहाणे 4315 और पुजारा 3160 रन के साथ थे।
Player | Span | Mat | Runs | HS | Ave | SR | 100 | 50 |
V Kohli | 2015-2018 | 151 | 9455 | 243 | 65.2 | 78.6 | 33 | 35 |
RG Sharma | 2015-2018 | 133 | 6215 | 208* | 48.93 | 93.78 | 21 | 31 |
S Dhawan | 2015-2018 | 127 | 5512 | 190 | 41.44 | 91.59 | 14 | 26 |
AM Rahane | 2015-2018 | 99 | 4315 | 188 | 38.87 | 58.85 | 7 | 28 |
CA Pujara | 2015-2018 | 40 | 3160 | 202 | 51.8 | 44.5 | 11 | 14 |
मगर 2018 के बाद बाकी खिलाड़ियों ने रफ्तार पकड़ी और विराट कोहली के नजदीक पहुंचने की कोशिश की। कोहली ने 1 जनवरी 2019 से खेले 78 मैचों में 53.18 की औसत से 3829 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने 7 शतक और 28 अर्धशतक ठोंके है। वहीं दूसरे स्थान पर विराजमान रोहित शर्मा ने 66 मैचों में 50.11 की औसत से 3408 रन बनाए हैं। रोहित ने 2019 से विराट कोहली से ज्यादा 12 शतक जड़े हैं। इस अंतराल में कोहली रोहित से 12 मैच अधिक खेले थे, लेकिन दोनों खिलाड़ियों के रनों का अंतर 421 रन का ही था। वहीं रोहित के बात इस सूची में केएल राहुुल (2077), ऋषभ पंत (1664) और शिखर धवन (1483) मौजूद हैं।
Player | Span | Mat | Runs | HS | Ave | SR | 100 | 50 |
V Kohli | 2019-2021 | 78 | 3829 | 254* | 53.18 | 88.08 | 7 | 28 |
RG Sharma | 2019-2021 | 66 | 3408 | 212 | 50.11 | 85.47 | 12 | 15 |
KL Rahul | 2019-2021 | 52 | 2077 | 112 | 43.27 | 96.96 | 4 | 15 |
RR Pant | 2019-2021 | 50 | 1664 | 159* | 36.17 | 89.46 | 2 | 8 |
S Dhawan | 2019-2021 | 46 | 1483 | 143 | 35.3 | 97.75 | 2 | 9 |
हम यह नहीं कह रहे कि विराट कोहली की अब टीम इंडिया को जरूरत है या फिर टीम इंडिया को उनके बिना खेलना चाहिए। विराट कोहली अभी भी किंग है और उनकी गिनती ऑल टाइम ग्रेट बल्लेबाजों में हमेशा की जाएगा। मगर कोहली ने अब ऐसी टीम तैयार कर दी है जो उनपर निर्भर हुए बिना भी जीतना जानती है।